उत्तराखंड- सावन मास का पवित्र महीना आज से प्रारंभ हो गया है। इसी के साथ उत्तराखण्ड में कावड़ यात्रा को लेकर सरकार ने कांवड़ यात्रा के रूट पर मौजूद सभी ढाबों और खाने-पीने की अन्य दुकानों की चैकिंग शुरू कर दी है। सरकार के आदेश के मुताबिक कांवड़ यात्रा मार्गों पर सभी ढाबा और दुकान मालिकों को नेम प्लेट लगानी अनिवार्य कर दिया है। पिछले दिनों उत्तराखंड सरकार ने आदेश में कहा था कि कांवड़ रूट पर सभी ढाबा और दुकान मालिकों को फोटो पहचान पत्र और रजिस्ट्रेशन सर्टिफिकेट लगाना होगा। जानकारी के मुताबिक इसका उल्लंघन करने पर 2 लाख रुपए तक का जुर्माना लगाया जा सकता है। कांवड़ यात्रा मार्ग में पड़ने वाले होटल और ढाबों के बाहर बोर्ड में उनके मालिकों के नाम और उनकी पहचान साफ तौर से दर्ज होनी चाहिए. इसी के साथ अब इस आस्था पर नई बहस शुरू हो गई है। होटल-ढाबों पर पहचान अभियान चलाने के बाद अब हरिद्वार में गैर हिन्दू के प्रवेश व कांवड़ निर्माण पर भी बड़ा सवाल खड़ा कर दिया है। जिसको लेकर कांग्रेस के पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने बीजेपी पर गंभीर आरोप लगाये है।
उत्तराखंड में हरिद्वार से लेकर शिवालयों तक कांवड़ यात्रा का दौर शुरू हो गया है। उत्तराखंड सरकार ने भी पिछले दिनों कांवड़ यात्रा के रूट पर मौजूद सभी ढाबों और खाने-पीने की अन्य दुकानों के लिए आदेश जारी कर दिये थे। लेकिन अब इस आस्था पर एक नई बहस शुरू हो गई है। होटल-ढाबों पर पहचान अभियान चलाने के बाद अब पांडा-पुरोहितों ने गैर हिन्दू के प्रवेश व कांवड़ निर्माण पर बहस छेड़ दी है। संत समाज इस पवित्र आस्था की डोरी की शुद्धता को लेकर सजग हो गया है। सवाल है कि जो कांवड़ शिव भक्त कंधों पर लेकर सौ किलोमीटर की यात्रा करते हैं क्या वह कांवड़ वैसी ही पवित्रता से बन रही है जैसी अपेक्षा की जाती है। हिन्दू रक्षा सेना के राष्ट्रीय अध्यक्ष स्वामी प्रबोधनंद गिरी ने कहा है कि हरिद्वार तीर्थ क्षेत्र में किसी भी प्रकार का गैर हिंदू प्रवेश न करें यह कानून है, इस कानून का पालन कराना सरकार की जिम्मेदारी है। उन्होंने कहा कि हम तो सरकार को दो-तीन दिन दे भी रहे कि सरकार इस्लाम के जिहादियों का हर की पौड़ी क्षेत्र में प्रवेश न होने दे ओर यदि सरकार ऐसा नहीं करती है तो हरिद्वार के साधु संतों द्वारा इस काम को किया जाएगा। उन्होंने यह भी कहा कि जो रोजाना मांसाहार करते हैं वह कावड़ को मांसाहार करते हुए बनाएंगे ओर थूक मूत्र जिहाद करते हैं। जिहादी कहते है कि थूकने से चीजें पवित्र होती है और सनातन में थूक से अपवित्रता बढ़ती है तो कावड़ की पतिव्रता को देखते हुए हम किसी कीमत पर अबकी बार इस्लाम के जिहादियों को कावड़ क्षेत्र तीर्थ क्षेत्र में प्रवेश नहीं करने देंगे अगर उन्होंने प्रवेश किया तो हरिद्वार की सड़क पर साधु आ सकते हैं. जिसकी सारी जिम्मेदारी शासन और प्रशासन की होगी। शासन और प्रशासन इस काम को कड़ाई से पालन कराये। कावड़ यात्रा मे देश के कोने-कोने से 4 करोड़ लोग शामिल होते हैं। वही कांवड़ियों की सुरक्षा और कांवड़ के नियमों का पालन कराने के साथ-साथ यात्रा को व्यवस्थित करने को लेकर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने अधिकारियों को निर्देश दिए हैं। मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि कावड़ मार्गों पर वेरिफिकेशन ड्राइव भी चलाई जा रही है। इसके साथ-साथ कांवड़ यात्रा में नशा मुक्ति का भी संदेश दिया जा रहा है। कांवड़ियों से कांवड़ के नियमों का पालन करने की अपील की जा रही है। सुरक्षा को लेकर पिछले दिनों हरिद्वार में अधिकारियों के साथ बैठक कर उन्हें दिशा निर्देश दिए हैं। इसके अलावा इंटर स्टेट अधिकारियों की मीटिंग ली गई है। मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि सभी राज्यों से व्यवस्थाओं को लेकर चर्चा की गई है। मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि कांवड़ यात्रा पवित्र और महत्वपूर्ण यात्रा है। कांवड़ यात्रा में देशभर के लोग शामिल होते हैं। स्वच्छता का विशेष ध्यान रखने की भी अपील की जा रही है।
वहीं कांवड़ यात्रा के दौरान नेम प्लेट और मुस्लिम कारीगरों से कांवड़ नहीं खरीदने को लेकर हो रहे विवाद पर कांग्रेस के पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने सवाल उठाए और कहा कि बीजेपी ने खेल शुरू कर दिया है. हरीश रावत ने बीजेपी पर निशाना साधते हुए कहा कि अगर बीजेपी की सोच यही रही तो आने वाले दिनों में वो यह भी कहेंगे कि रामलला की मूर्ति खंडित है, क्योंकि उनके वस्त्र और मंदिर के पुजारी जो पादुका पहनते है वो भी मुसलमान बनाते है। पूर्व सीएम ने कहा कि भगवान रामलला के वस्त्र पीढ़ियों से मुस्लिम कारीगर ही बनाते आए हैं, ऐसे में आस्था पर राजनीति करना दुर्भाग्यपूर्ण है। हरीश रावत ने यूपी में कांवड़ यात्रा मार्ग पर खाने-पीने की दुकानों पर नेम प्लेट को लेकर भी योगी सरकार को घेरा और कहा कि अब बीजेपी ने एक बार फिर चोर दरवाजे से वही खेल शुरू कर दिया है. उन्होंने कहा कि अगर फूड सेफ्टी का ही मुद्दा है तो जांच केवल कांवड़ यात्रा तक सीमित क्यों. देहरादून समेत अन्य शहरों में भी मिलावटी खाद्य पदार्थ बिक रहे हैं, उन पर कार्रवाई क्यों नहीं होती। हरीश रावत ने बीजेपी पर धार्मिक आयोजनों को नफरत की राजनीति में घसीटने का आरोप लगाया है।
कांवड़ यात्रा सिर्फ एक परंपरा नहीं बल्कि यह शिव से जुड़ने की श्रद्धा है। ऐसे में सरकार के फैसले पर विपक्ष के सवालों से धर्मनगरी हरिद्वार में नई बहस छिड़ गई है। अब देखना ये होगा कि क्या प्रशासन इस पर भी कोई मानक तय करता है या नहीं आज से सावन माह का शुभ आराम हो चूका है करोडो की संख्या में शिव भक्तो का देवभूमि में आने का सिलसिला जारी हो चूका है ऐसे में सरकार की तैयारियों के साथ कांवड़ यात्रा को बेहतर ढंग से करने व विपक्ष के आरोपों पर भी चुपी साधने में भाजपा सरकार कितना कामयाब होगी ये इस यात्रा में देखने वाली बात होगी लेकिन इस कावड़ यात्रा पर प्रदेश की सियासत में एक नई बहस देखने को जरूर मिल गई है।