नरभक्षी राजा कोलंदर के शौक जान उड़ जाएंगे होश, 25 साल बाद मिली उम्रकैद

डिजिटल डेस्क- इंसानी खोपड़ी और मांस खाने का शौकीन राजा कोलंदर और उसके साले बच्छराज कोल को 25 साल बाद लखनऊ कोर्ट ने उम्रकैद की सजा सुनाई है। इसके साथ ही कोर्ट ने दोनों पर ढाई-ढाई लाख का जुर्माना भी लगाया है। बताया जा रहा है कि दोनों को ये सजा अपहरण और डबल मर्डर केस में सुनाई गई है। राजा कोलंदर और बच्छराज कोल को साल 2000 में हुए एक डबल मर्डर के मामले में कोर्ट ने उम्रकैद की सजा दी है। लखनऊ एडीजे कोर्ट नंबर-5 के जज रोहित सिंह ने शुक्रवार को दोनों आरोपियों को सजा सुनाई है।

पत्रकार की हत्या के बाद खुला राज

राजा कोलंदर की हैवानियत साल 2000 में एक पत्रकार की हत्या के बाद सामने आई थी। पत्रकार के घरवालों ने हत्या का संदेह जताया। जांच हुई तो पुलिस जिला पंचायत सदस्य फूलन देवी के घर पहुंची। जहां तलाशी में धीरेंद्र सिंह का सामान मिल गया और फूलन के पति राजा कलंदर ने गुनाह कबूल कर लिया। इसके बाद तलाशी में कई नरमुंड मिले. धीरेंद्र की गाड़ी और अन्य सामान मिले। धीरेंद्र की लाश की निशानदेही भी राजा कलंदर ने की थी। राजा कलंदर ने अपने घर में गाड़े गए 14 नरमुंडों का भी खुलासा किया। असल में राजा कलंदर ने पत्रकार धीरेंद्र को पिपरी फार्महाउस पर बुलाया, पीछे से उसके साले वक्षराज ने धीरेंद्र को गोली मार दी।

जातियों के हिसाब से रंगता था खोपड़ी फिर लगाता था खोपड़ियों की अदालत

राजा कोलंदर जाति के मुताबिक इन खोपड़ियों पर नाम लिखकर उन्हें रंगता था और फिर उन्हें सामने रख उनकी अदालत लगाता और उन्हें सजा सुनाता। पुलिस को राजा कलंदर से एक डायरी भी मिली थी, जिसे वह अदालती डायरी कहता था। इसमें उन लोगों के नाम दर्ज थे, जिन्हें वह कत्ल कर चुका था या करना चाहता था।

खोपड़ी का सूप पीने का था शौकीन

पुलिस रिकॉर्ड में राजा कोलंदर को सनकी सीरियल किलर बताया गया है। पुलिस ने जब उसे एक केस में पुलिस ने रिमांड पर लिया तो उसने खुद बताया कि वह जिसकी भी हत्या करता था, उसका सिर काटकर अपने पास रख लेता था। यह सिर लेकर वह पिपरी स्थित अपने फॉर्महाउस पर आता था, जहां सिर को खौलते पानी में उबालता था और उसके भेजे का सूप बनाकर पीता था।

फार्महाउस में मिली थी 14 खोपड़ियां

पिपरी के फॉर्महाउस को राजा कोलंदर ने सुअर पालन के लिए बनाया था, लेकिन जब पुलिस ने उसे साथ ले जाकर वहां छापा मारा तो जमीन में दबाई गई 14 खोपड़ी (नरमुंड) बरामद हुए थे। इन सभी नरमुंड पर मार्कर से उन लोगों के नाम भी लिखे हुए थे, जिनकी वे खोपड़ियां थीं। इसके अलावा दो लाश भी जमीन में दफन की हुई बरामद की गई थी।