चंडीगढ़ यूनिवर्सिटी यूपी में ‘कैंपस टैंक’ लॉन्च, 6 मिलियन डॉलर फंडिंग के साथ युवा उद्यमियों को इनोवेशन, स्टार्टअप और एआई विकास का मिलेगा बड़ा मंच

डिजिटल डेस्क- भारत की पहली एआई ऑगमेंटेड मल्टीडिसिप्लिनरी यूनिवर्सिटी, चंडीगढ़ यूनिवर्सिटी, उत्तर प्रदेश ने आज इनोवेशन और उद्यमशीलता के क्षेत्र में ऐतिहासिक कदम उठाते हुए ‘कैंपस टैंक’ का भव्य शुभारंभ किया। यह देश का पहला विश्वविद्यालय-नेतृत्व वाला स्टार्टअप लॉन्चपैड है, जिसे उद्योग विकास मंत्री नंद गोपाल गुप्ता ‘नंदी’ ने लॉन्च किया। उन्होंने इस पहल की सराहना करते हुए कहा कि “यूनिवर्सिटी मैन मेकिंग से नेशन बिल्डिंग की प्रयोगशाला है,” और चंडीगढ़ यूनिवर्सिटी इस दिशा में एक मिसाल बन रही है। ‘कैंपस टैंक’ का उद्देश्य युवाओं में इनोवेशन और उद्यमशीलता की भावना को प्रोत्साहित करना है। इस पहल के तहत 1,000 से अधिक स्टार्टअप्स को जोड़ा गया, जिनमें से 10 श्रेष्ठ स्टार्टअप्स को निवेशकों के सामने अपने विचार प्रस्तुत करने का अवसर मिला। इन स्टार्टअप्स को कुल 6 मिलियन यूएस डॉलर (करीब 50 करोड़ रुपये) की फंडिंग से सहायता प्रदान की जाएगी। यह फंडिंग युवाओं को उनके स्टार्टअप विचारों को शुरुआती चरण से लेकर बाजार में स्थापित करने तक मदद करेगी, जो आमतौर पर नए उद्यमियों के लिए सबसे बड़ी चुनौती होती है।

मिलेंगे एआई के क्षेत्र में शोध, विकास और प्रयोग के नए अवसर

कार्यक्रम के दौरान यूनिवर्सिटी ने ‘सीयू एआई स्पेस’ की भी शुरुआत की, जो छात्रों, स्टार्टअप्स और इंडस्ट्री प्रोफेशनल्स के लिए एक कोलैबोरेटिव प्लेटफॉर्म है। यहां एआई के क्षेत्र में शोध, विकास और प्रयोग के अवसर मिलेंगे। अत्याधुनिक तकनीक से सुसज्जित यह मंच युवा इनोवेटर्स को वास्तविक दुनिया की समस्याओं के समाधान में सक्षम बनाएगा। इस अवसर पर चंडीगढ़ यूनिवर्सिटी, यूपी के चांसलर और राज्यसभा सांसद सतनाम सिंह संधू ने कहा कि कैंपस टैंक केवल एक लॉन्चपैड नहीं, बल्कि एक आंदोलन है जो भारत के भावी उद्यमियों को निखारेगा। हमारा लक्ष्य प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के 2047 तक विकसित भारत के संकल्प को साकार करने में योगदान देना है। उन्होंने कहा कि अब कॉलेज और यूनिवर्सिटी केवल शिक्षा के केंद्र नहीं, बल्कि “आर्थिक विकास और नवाचार के इंजन” बन चुके हैं।

चंडीगढ़ यूनिवर्सिटी यूपी और देश के युवाओं के लिए प्रेरणा- मंत्री नंद गोपाल नंदी

उद्योग विकास मंत्री नंद गोपाल गुप्ता ‘नंदी’ ने कहा कि चंडीगढ़ यूनिवर्सिटी के प्रयास उत्तर प्रदेश और देश के युवाओं के लिए प्रेरणा हैं। उन्होंने कहा कि यह पहल प्रतिभाओं को निखारने और उन्हें वैश्विक अवसरों से जोड़ने का मार्ग प्रशस्त करेगी। यह आयोजन एआई और स्टार्टअप संस्कृति को नई ऊँचाइयों पर ले जाएगा। चंडीगढ़ यूनिवर्सिटी की टीबीआई (टेक्नोलॉजी बिजनेस इनक्यूबेशन) सेंटर पहले ही 200 से अधिक स्टार्टअप्स का सफल इनक्यूबेशन कर चुकी है, जिनमें से 11 स्टार्टअप्स का वार्षिक टर्नओवर 50 लाख रुपये से अधिक है। ‘कैंपस टैंक’ के पहले चरण में ही 10 चयनित स्टार्टअप्स ने निवेशकों को प्रभावित किया और आवश्यक फंडिंग प्राप्त की, जो इस मॉडल की सफलता का प्रमाण है।