डिजिटल डेस्क- उत्तर प्रदेश के कैसरगंज क्षेत्र में पिछले कई दिनों से दहशत का पर्याय बना आदमखोर भेड़िया आखिरकार गुरुवार को वन विभाग की टीम और शूटरों के संयुक्त ऑपरेशन में मारा गया। झारा तौकली ग्राम के भृगुपुरवा इलाके में सुबह के समय सर्च अभियान के दौरान भेड़िया दिखा, जिस पर शूटरों ने निशाना साधा। पैर में गोली लगने से उसकी मौके पर ही मौत हो गई। पिछले करीब दो हफ्तों से यह भेड़िया इलाके में आतंक मचाए हुए था। उसने अब तक चार मासूम बच्चों और एक दंपती की जान ले ली थी, जबकि 35 से अधिक लोग घायल हुए थे। बुधवार को भी इस आदमखोर ने एक महिला और दो बच्चों पर हमला कर उन्हें गंभीर रूप से घायल कर दिया था।
भृगुपुरवा गांव में ढूंढकर मारा गया
ग्रामीणों की सूचना पर वन विभाग ने इलाके में सर्च ऑपरेशन चलाया। डीएफओ डॉ. राम सिंह यादव के मुताबिक, “टीम को सफलता भृगुपुरवा गांव में मिली, जहां शूटरों ने भेड़िए को ढूंढकर मार गिराया। पोस्टमार्टम के बाद इसकी पुष्टि कर दी जाएगी कि यह वही आदमखोर है।” स्थानीय लोगों ने बताया कि जब भेड़िए के मारे जाने की खबर गांव में पहुंची, तो लोगों ने राहत की सांस ली। कई गांवों में रातों से लोग डर के साये में जागते रहे थे। बच्चे बाहर खेलने नहीं निकलते थे और खेतों में काम करने जाने से भी ग्रामीण परहेज कर रहे थे। बुधवार के हमलों ने प्रशासन को और सतर्क कर दिया था। कैसरगंज तहसील के मंझारा तौकली गांव में 35 वर्षीय अंजुदेवी पर भेड़िए ने हमला कर दिया था। वहीं, कोदहियनपुरवा में 4 वर्षीय राधिका और साइनपुरवा में 7 वर्षीय किशन भी भेड़िए के शिकार बने थे। दोनों बच्चों को घायल अवस्था में अस्पताल में भर्ती कराया गया था।
प्रशासन ने की अपील
प्रशासन ने अब इलाके में शांति बनाए रखने की अपील की है। वन विभाग की टीम यह भी जांच कर रही है कि इलाके में कहीं और कोई भेड़िया या जंगली जानवर तो मौजूद नहीं है। ग्रामीणों का कहना है कि यह भेड़िया उनके लिए “खौफ का साया” बन चुका था। अब जब वह मारा जा चुका है, तो गांव में संतोष और राहत का माहौल है। डीएफओ राम सिंह यादव ने बताया कि वन विभाग की निगरानी फिलहाल जारी रहेगी, ताकि किसी और खतरे की संभावना को रोका जा सके।