लखनऊ। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की ‘मन की बात‘ कार्यक्रम के 100वें एपिसोड का प्रसारण रविवार को किया गया है। इसके मद्देनजर प्रदेश भाजपा की ओर से इस कार्यक्रम को व्यापक बनाने का कार्यक्रम तैयार किया गया है।
मुझे आप सबकी हजारों चिट्ठियां मिली हैं, लाखों सन्देश मिले हैं और मैंने कोशिश की है कि ज्यादा से ज्यादा चिट्ठियों को पढ़ पाऊं, देख पाऊं, संदेशों को जरा समझने की कोशिश करूं।आपके पत्र पढ़ते हुए कई बार मैं भावुक हुआ, भावनाओं से भर गया, भावनाओं में बह गया और खुद को फिर संभाल भी लिया। आपने मुझे ‘मन की बात’ के 100वें एपिसोड पर बधाई दी है, लेकिन मैं सच्चे दिल से कहता हूं, दरअसल बधाई के पात्र तो आप सब ‘मन की बात’ के श्रोता हैं, हमारे देशवासी हैं।3 अक्टूबर 2014 को विजया दशमी का वो पर्व था और हम सबने मिलकर विजया दशमी के दिन ‘मन की बात’ की यात्रा शुरू की थी।
विजया दशमी यानी, बुराई पर अच्छाई की जीत का पर्व, ‘मन की बात’ भी देशवासियों की अच्छाइयों का सकारात्मकता का एक अनोखा पर्व बन गया है।
एक ऐसा पर्व, जो हर महीने आता है, जिसका इंतजार हम सभी को होता है।हम इसमें positivity को celebrate करते हैं। हम इसमें people’s participation को भी celebrate करते हैं।
कई बार यकीन नहीं होता कि ‘मन की बात’ को इतने महीने और इतने साल गुजर गए। हर एपिसोड अपने-आप में खास रहा।मेरे लिए ‘मन की बात’ ईश्वर रूपी जनता-जनार्दन के चरणों में प्रसाद की थाल की तरह है। ‘मन की बात’ मेरे मन की आध्यात्मिक यात्रा बन गया है।
‘मन की बात’ स्व से समिष्टि की यात्रा है। ‘मन की बात’ अहम् से वयम् की यात्रा है।