डिजिटल डेस्क- अलीगढ़ के अतरौली क्षेत्र के काजिमाबाद गांव में दलित समाज की बारात पर हुए हमले को लेकर राजनीतिक हलचल तेज हो गई है। शनिवार को समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता और राज्यसभा सांसद रामजीलाल सुमन घटनास्थल पर पहुंचे और पीड़ित परिवार से मुलाकात कर न्याय का आश्वासन दिया। उन्होंने इस घटना को “दुर्भाग्यपूर्ण” बताते हुए योगी सरकार पर तीखा हमला बोला।
क्या है पूरा मामला?
यह मामला गुरुवार रात का है जब खुर्जा से एक दलित युवक की बारात अतरौली के काजिमाबाद गांव पहुंची थी। बताया जा रहा है कि बारात में शामिल दूल्हे की गाड़ी गांव के एक बच्चे से मामूली रूप से टकरा गई। इस पर गांव के कुछ दबंग, जो लोधी समाज से बताए जा रहे हैं, भड़क गए और उन्होंने पहले गाड़ी के ड्राइवर को पीटा और फिर दूल्हे पर हमला कर दिया। मारपीट के साथ-साथ लूटपाट की भी बात सामने आई है। अचानक हुई इस घटना से बारात का माहौल दहशत में बदल गया और बारातियों को जान बचाकर भागना पड़ा।
जातिगत हमला नहीं, बल्कि सामाजिक टकराव का संकेत- रामजीलाल सुमन
घटना की जानकारी मिलते ही सांसद रामजीलाल सुमन ने अतरौली पहुंचकर पीड़ित पक्ष से मुलाकात की और पूरी घटना की जानकारी ली। उन्होंने कहा कि यह केवल एक जातिगत हमला नहीं, बल्कि सामाजिक टकराव का संकेत है। उन्होंने कहा यह बाबा आदम का जमाना नहीं रहा। नई पीढ़ी के दलित नौजवान अब पुरानी मानसिकता और अन्याय के माहौल में जीने को तैयार नहीं हैं। हर वर्ग में अब सम्मान की भूख है और समाज को इस टकराव से बचाने की ज़रूरत है। सांसद सुमन ने कहा कि समाज की सोच और मानसिकता को बदलने की आवश्यकता है। हम 21वीं सदी में रह रहे हैं और हर किसी को सम्मान से जीने का हक है, उन्होंने लोधे समाज से भी सद्भाव बनाए रखने और विवेक से काम लेने की अपील की।
दलितों और अल्पसंख्यकों पर हमले आम होते जा रहे हैं- रामजीलाल सुमन
राज्य सरकार पर हमला बोलते हुए उन्होंने कहा, आज उत्तर प्रदेश में दलितों और अल्पसंख्यकों पर हमले आम होते जा रहे हैं। सरकार की ओर से कोई प्रभावी कार्रवाई नहीं हो रही। यह आपराधिक प्रवृत्ति के लोगों की सरकार बन चुकी है। योगी सरकार का न इकबाल है न खौफ। तभी ऐसे लोग कानून को ठेंगा दिखा रहे हैं।सांसद ने प्रशासन से दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की और चेतावनी दी कि अगर जल्द न्याय नहीं मिला तो वे सड़क से संसद तक संघर्ष करेंगे। इस घटना ने एक बार फिर जातीय तनाव और सामाजिक असमानता के मुद्दे को उजागर कर दिया है। ग्रामीणों में अभी भी भय का माहौल है, जबकि प्रशासन मामले की जांच में जुटा है।