सिद्धार्थ द्विवेदी- हमीरपुर जिले में मौदहा बांध से छोड़े गए 48 हजार क्यूसिक पानी ने हड़कंप मचा दिया। सबसे अधिक असर मौदहा तहसील क्षेत्र में देखने को मिला, जहां चंद्रावल नदी, सुनहर नाला और सिहो नाला पूरी तरह उफान पर हैं। सुनहर नाले के रपटे पर करीब 10 फीट ऊपर से पानी बह रहा है, जिससे हिमौली, लदार और पारा गांवों का संपर्क पूरी तरह टूट गया है। वहीं, सिहो नाले ने चमरखानना समेत आधा दर्जन गांवों को चारों ओर से घेर लिया है।पढ़ोरी रपटे पर चंद्रावल नदी का पानी शुक्रवार से बह रहा है, जिससे सिसोलर, भटरी, भुलसी, छानी और बक्छा गांवों के लोग अब वाया टिकरी 15 किमी लंबा रास्ता तय कर मौदहा पहुंच रहे थे, लेकिन अब वह वैकल्पिक रास्ता भी जलभराव की चपेट में आ गया है। इससे ग्रामीणों की रोजमर्रा की जरूरतें भी प्रभावित हो रही हैं।
मौदहा-बांदा मार्ग बंद, दो दर्जन गांवों से टूटा संपर्क
बाढ़ का सबसे बड़ा असर मौदहा से बांदा जाने वाले मुख्य मार्ग पर पड़ा है, जो अब पूरी तरह बंद हो गया है। गुसियारी, टिकरी, इचौली और फत्तेपूर्वा जैसे करीब दो दर्जन गांवों का मौदहा तहसील से सीधा संपर्क टूट गया है। रास्ते बंद होने से न सिर्फ स्कूल-कॉलेज जाने वाले छात्र प्रभावित हैं, बल्कि मरीजों की आवाजाही और जरूरी सेवाएं भी थम गई हैं।
प्रशासन ने जारी की चेतावनी, मुनादी कराई
प्रशासन ने नदी और नालों के किनारे रहने वाले लोगों को सतर्क रहने की सलाह दी है। मुनादी कराकर लोगों से कहा गया है कि वे जलभराव वाली सड़कों पर जाने से बचें और जान जोखिम में डालकर बहते पानी को पार न करें। बावजूद इसके, कुछ ग्रामीण अभी भी जान जोखिम में डालकर बहाव वाली सड़कों से निकलने की कोशिश कर रहे हैं।
बांध से पानी छोड़े जाने से बिगड़े हालात
मौदहा बांध के अधिशासी अभियंता के मुताबिक, लगातार हो रही बारिश के चलते बांध का जलस्तर खतरे के निशान से ऊपर चला गया था। ऐसे में सुरक्षा की दृष्टि से 48 हजार क्यूसिक पानी छोड़ा गया, जिससे क्षेत्र की छोटी नदियों में अचानक जलस्तर बढ़ गया और बाढ़ जैसे हालात बन गए।