संभलः विवादित मस्जिद की परिक्रमा की घड़ी नजदीक, शहर छावनी में तब्दील, 200 से अधिक जवानों ने संभाला मोर्चा

डिजिटल डेस्क- उत्तर प्रदेश के संभल में सोमवार सुबह से ही माहौल पूरी तरह बदला हुआ है। शहर की गलियां भारी सुरक्षा घेरे में बदल चुकी हैं। हर मोड़ पर पुलिस का पहरा, आसमान में उड़ते ड्रोन और गश्त लगाते दस्ते साफ इशारा कर रहे हैं कि संभल किसी महत्वपूर्ण फैसले की प्रतीक्षा में है। हरिहर मंदिर प्रकोटे की प्रस्तावित परिक्रमा को लेकर प्रशासन ने सुरक्षा व्यवस्था को बेहद कड़ा कर दिया है। स्थिति यह है कि शहर के प्रमुख इलाकों में परिंदा भी पर न मार सके, ऐसा माहौल बना दिया गया है। परिक्रमा की घोषणा के बाद पुलिस-प्रशासन ने ज़रा भी ढिलाई नहीं बरती। रैपिड एक्शन फोर्स और PAC के 200 से अधिक जवान मोर्चा संभाले हुए हैं। इसके साथ ही आठ थानों की पुलिस टीमों को संयुक्त रूप से विभिन्न बिंदुओं पर तैनात किया गया है, जबकि चार क्षेत्राधिकारी लगातार फील्ड में रहकर हालात की निगरानी कर रहे हैं।

ड्रोन से रखी जा रही है नजर

सत्यव्रत पुलिस चौकी पर बनाए गए कंट्रोल रूम से 100 मीटर की ऊंचाई तक ड्रोन ऑपरेट किए जा रहे हैं, जो शहर की हर गतिविधि पर नज़र रख रहे हैं। शहरभर में लगाए गए 400 से ज्यादा सीसीटीवी कैमरे लगातार रिकॉर्डिंग कर रहे हैं और धार्मिक स्थल की ओर जाने वाले सभी तीन मार्गों पर सुरक्षा बैरियर लगा दिए गए हैं। इस प्रस्तावित यात्रा का मार्ग भी प्रशासन के लिए बड़ी चुनौती है। मां कैलादेवी धाम से शुरू होकर लगभग 22 किलोमीटर लंबी यह यात्रा वाहनों से हयातनगर थाना क्षेत्र के गंवा रोड स्थित मोतीनगर गांव तक पहुंचेगी। यहां से आगे की ढाई किलोमीटर दूरी साधु-संतों के नेतृत्व में पैदल तय की जाएगी। यात्रा के एलान के बाद ही यह कार्यक्रम चर्चा और चिंता दोनों का विषय बन गया है। महंत ऋषिराज गिरी ने इसे परंपरा से जुड़ी धार्मिक परिक्रमा बताते हुए शांतिपूर्ण तरीके से पूरा करने की बात कही है।

बवाल की आशंका के चलते धारा 163 लागू

इसी बीच विवाद ने भी तूल पकड़ लिया है। जामा मस्जिद की इंतेजामिया कमेटी ने इस परिक्रमा के एलान को गलत बताया है। कमेटी के सदर जफर अली का कहना है कि मस्जिद परिसर में कभी कोई परिक्रमा नहीं हुई और नई परंपरा शुरू करने का प्रयास अनावश्यक तनाव को जन्म दे सकता है। कमेटी ने प्रशासन से इसमें हस्तक्षेप कर स्थिति स्पष्ट करने की मांग की है। इस पूरे घटनाक्रम के बीच प्रशासन पूरी तरह सतर्क मोड में है। डीएम डॉ. राजेंद्र पेंसिया ने पुष्टि की है कि दोनों पक्षों से बात चल रही है और फिलहाल क्षेत्र में धारा-163 लागू है। मजिस्ट्रेटों की तैनाती भी कर दी गई है। पदयात्रा की अनुमति पर अंतिम निर्णय 19 नवंबर को लिया जाएगा। साथ ही 24 नवंबर को कोर्ट में होने वाली सुनवाई के मद्देनज़र अतिरिक्त फोर्स तैनात रहेगी।