लखनऊ: निकाय चुनाव में आरक्षण को लेकर भाजपा-सपा में जुबानी जंग तेज हो गयी है। जहां एक तरफ अदालत के फैसले को लेकर समाजवादी पार्टी ने इसे भाजपा की साजिश करार दिया है तो वहीं दूसरी तरफ डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य ने सपा पर तीखा प्रहार किया है। उन्होंने आज दावा किया कि निकाय चुनाव में पिछड़ों को आरक्षण मिलना और सपा का सफाया होना तय है। केशव मौर्य ने कहा कि निकाय चुनाव के बाद समाजवादी पार्टी में सैफई परिवार अकेला रह जाएगा ।
बता दें कि कि इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ पीठ का फैसला आने के बाद मंगलवार को सपा के राष्ट्रीय महासचिव एवं राज्यसभा सदस्य प्रोफेसर रामगोपाल यादव ने राज्य के पिछड़ा वर्ग के मंत्रियों की भूमिका पर सवाल उठाते हुए ट्वीट किया था, “निकाय चुनावों में ओबीसी आरक्षण खत्म करने का फैसला दुर्भाग्यपूर्ण। उत्तर प्रदेश सरकार की साजिश। तथ्य न्यायालय के समक्ष जानबूझकर प्रस्तुत नहीं किए। उत्तर प्रदेश की 60 फीसदी आबादी को आरक्षण से वंचित किया। ओबीसी मंत्रियों के मुंह पर ताले। मौर्या (केशव प्रसाद मौर्य) की स्थिति बंधुआ मजदूर जैसी!”
जवाब में बुधवार को उप मुख्यमंत्री मौर्य ने ट्वीट किया, “सपा और सैफई परिवार को पिछड़े वर्ग का एक उपमुख्यमंत्री बर्दाश्त नहीं हो रहा है। अखिलेश यादव सहित सैफई परिवार और उनकी पार्टी के नेता मेरे प्रति कितने अपमानजनक व अभद्र शब्दों का प्रयोग करते हैं, यह सर्वविदित है।” इसी ट्वीट में उन्होंने दावा किया, “निकाय चुनाव में पिछड़ों को आरक्षण मिलना और सपा का सफाया होना तय है।”
उल्लेखनीय है कि इलाहाबाद उच्च न्यायालय की लखनऊ पीठ ने मंगलवार को उत्तर प्रदेश सरकार की नगर निकाय चुनाव संबंधी मसौदा अधिसूचना को रद्द करते हुए राज्य में बिना ओबीसी आरक्षण के नगर निकाय चुनाव कराने का आदेश दिया था। इसके साथ ही पीठ ने राज्य सरकार एवं राज्य चुनाव आयोग को आदेश दिया कि पिछड़ा वर्ग की सीटों को सामान्य करते हुए स्थानीय निकाय चुनाव को 31 जनवरी 2023 तक संपन्न करा लिया जाए। न्यायमूर्ति देवेंद्र कुमार उपाध्याय और न्यायमूर्ति सौरभ लवानिया की खंडपीठ ने यह आदेश दिया था।
मौर्य ने बुधवार को पत्रकारों से कहा कि सपा का चरित्र पिछड़े वर्ग के साथ धोखा करने का है और पार्टी कभी पिछड़ों का भला नहीं कर सकती। उन्होंने दोहराया कि आरक्षण के बिना निकाय चुनाव नहीं होगा।