झांसी में थानेदार पर सत्ताधारी विधायकों की चिट्ठी वार, प्रभारी हटाए गए

शिव शंकर सविता- झांसी में एक थानेदार को लेकर भाजपा के दो विधायकों के बीच टकराव खुलकर सामने आ गया है। बबीना विधायक राजीव सिंह पारीछा की शिकायत पर झांसी प्रभारी मंत्री बेबी रानी मौर्य ने थानाध्यक्ष के खिलाफ सख्त रुख अपनाते हुए मुख्य सचिव और डीजीपी को पत्र लिखा। इसके बाद सीपरी बाजार थाना प्रभारी आनंद सिंह को हटाकर AHTU भेज दिया गया, लेकिन अगले ही दिन सदर विधायक रवि शर्मा ने उसी थानेदार के पक्ष में पत्र लिखकर पूरे मामले को और गरमा दिया।

क्या है पूरा मामला?

1 सितंबर को मंत्री बेबी रानी मौर्य झांसी दौरे पर थीं। सर्किट हाउस में जनप्रतिनिधियों के साथ बैठक के दौरान विधायक राजीव सिंह पारीछा ने थाना प्रभारी आनंद सिंह पर अमर्यादित भाषा और खराब व्यवहार का आरोप लगाया। मंत्री ने तत्काल थाना प्रभारी को बुलाया और आरोपों की पुष्टि होते ही मुख्य सचिव व डीजीपी को पत्र लिखकर कार्रवाई की मांग की। महानिरीक्षक झांसी आकाश कुलहरि ने तत्काल प्रभाव से आनंद सिंह को थाने से हटाकर AHTU भेज दिया और एसपी ग्रामीण डॉ. अरविंद सिंह को जांच सौंप दी।

थानेदार के पक्ष में आये विधायक रवि शर्मा

थानेदार के हटाए जाने के अगले ही दिन भाजपा विधायक रवि शर्मा ने मंत्री बेबी रानी मौर्य को पत्र लिखकर आनंद सिंह के अच्छे आचरण और क्राइम कंट्रोल में योगदान का हवाला दिया। उन्होंने आरोपों को भ्रम फैलाने वाला बताया और मामले की निष्पक्ष जांच की मांग की। वहीं, बबीना विधायक पारीछा का कहना है कि आनंद सिंह के व्यवहार को लेकर उन्हें काफी शिकायतें मिल रही थीं। प्रेमनगर और सीपरी थाने का लगभग 60% हिस्सा उनकी विधानसभा में आता है, ऐसे में जनता लगातार नाराजगी जता रही थी। थाने से आनंद सिंह के हटते ही जनता ने राहत की सांस ली है।

विधायकों के बीच तनातनी चर्चा में

एक ही पार्टी के दो विधायकों का इस तरह खुलकर आमने-सामने आना जिले में चर्चा का विषय बन गया है। लोग इसे सत्ता पक्ष की आंतरिक खींचतान के रूप में देख रहे हैं। बताते चलें कि ऐसा ही प्रकरण कानपुर में कुछ दिनों पहले सामने आया था, जब कानपुर के डीएम जितेंद्र प्रताप सिंह और सीएमओ डॉ. हरिदत्त नेमी का विवाद सुर्खियों में रहा। वहां भी शिकायतों और कार्रवाई के बाद मामला हाईकोर्ट तक पहुंच गया था।