केन्यूज डेस्क :हत्या के संबध में आरोपी एक शख्स ने पुलिस से बचने के लिए तीन साल तक खुद को भिखारी बनाए रखा, इस दौरान वह अपनी पहचान बदलने के लिए गाजियाबाद की सड़कों पर एक दिव्यांग के साथ भिखारी का काम करता था, शख्स का नाम शहजाद (33) है, और जिस दिव्यांग (Differently Abled Man) के साथ वह काम कर रहा था उसका नाम फूल हसन है,जब कोई ट्रैफिक सिग्नल पर कार रुकती, तो वह सहानुभूति रखने वाले लोगों से अपील करने के लिए बैसाखियों का इस्तेमाल करने वाले हसन का इस्तेमाल करता था और दिनभर में जितने पैसे कमा लेते थे, उसे आपस में बांट लेते थे,
गोली मारकर हत्या करने के जुर्म में था फरार
दिल्ली पुलिस को चकमा देने की चाल बहुत दिनों तक नहीं चल सकी, पुलिस की टीम आखिरकार ने शहजाद तक पहुंच गई शहजाद ने 2019 में कथित तौर पर उत्तर पश्चिमी दिल्ली के जहांगीरपुरी में एक व्यक्ति की गोली मारकर हत्या कर दी थी, घटना के बाद उसके साथी कथित तौर पर अधिवक्ता को कुछ महीने बाद गिरफ्तार कर लिया गया था, उसके बाद से शहजाद लापता चल रहा और उसे घोषित अपराधी ऐलान कर दिया गया,
हत्या के बाद परिवार के साथ गाजियाबाद मे रहता था
वहीं पुलिस अधिकारी का कहना है कि शुरू में वह बार-बार अपना ठिकाना बदलकर खुद को छिपाता था, लेकिन बाद में जांचकर्ताओं को एक गुप्त सूचना मिली कि वह अपने परिवार व पत्नी ,60 वर्षीय पिता के साथ गाजियाबाद के एक घर में रहने चला गया है, अधिकारी ने कहा: “तीन साल के दौरान, हमने आरोपी पर तकनीकी निगरानी रखी और उसके घर का सही पता लगाने की कोशिश की। हमें बाद में पता चला कि उसके पास एक सैंट्रो है, जिसमें वह कई स्थानों की यात्रा करता है।”
आस-पड़ोस के लोगों ने दी जानकारी
वहीं पड़ोसियों के अनुसार पता चला कि शहजाद सुबह कार से निकलता है और शाम को आता है,उसकी गाड़ी ट्रैफिक के कई सिंगनल पर दिखाई देती थी, मौके पर दुकानदारों से पुछा गया तो मालूम चला कि शहजाद अपनी गाड़ी कुछ दूर खड़ी करके अपने भिखारी वाले वेशभूषा में आकर मागंना शुरु कर देता है,
अन्य भिखारियों का कहना है कि वह सैंट्रो कार से भीख मागंने आता था, और फूल हसन के साथ कम से कम 2000 या 3000 हजार कमा लेते है, शाम को दोनों आपस में आधा-आधा कर लेते है,
मौका देखकर टीम ने दबोचा
टीम को लीड करने वाले अधिकारी का कहना है कि शहजाद को पकड़ने के लिए चारो तरफ जाल बिछाकर दबोच लिया गया,वहींं अधिकारी ने कहा कि यह शुरुआत में बांउसर का काम करता था, लेकिन गलत लोगों का साथ देने के चक्कर में शहजाद ने गलत रास्ता चुन लिया,