स्कूलों के विलयीकरण और बंद करने के फैसले पर तेज हुई राजनीति, अब मायावती ने साधा सीएम योगी पर निशाना

डिजिटल डेस्क- उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ द्वारा 50 छात्रों से कम संख्या वाले विद्यालयों के विलयीकरण और बंद करने के फैसले के बाद प्रदेश भर में उबाल देखने को मिल रहा है। जगह-जगह इस फैसले के विरोध में धरना-प्रदर्शन और ज्ञापन सौंपा जा रहा है। सरकार के इस फैसले के बाद प्रदेश की राजनीति भी गरमा गई है। ऐसे में जहां आम आदमी पार्टी विगत दिनों से लगातार विरोध प्रकट करते हुए सरकार के इस फैसले के खिलाफ धरना दे रही हैं, वहीं बसपा सुप्रीमो और पूर्व मुख्यमंत्री मायावती ने भी सरकार के इस फैसले पर अपना विरोध दर्ज कराया है। मायावती ने सोशल मीडिया साइट एक्स पर पोस्ट करते हुए इस फैसले को गै़र-ज़रूरी एवं गरीब-विरोधी बताया है। साथ ही सरकार से अपील भी की है कि छात्र हित में ये फैसला वापस लें।

क्या लिखा है मायावती ने?

बसपा सुप्रीमो और पूर्व मुख्यमंत्री मायावती ने सोशल मीडिया साइट एक्स पर ट्वीट करते हुए लिखा कि बेसिक शिक्षा परिषद, उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा प्राथमिक विद्यालयों के युग्मन/एकीकरण की आड़ में बहुत सारे स्कूलों को बंद करने वाला जो फैसला लिया गया है, वह ग़रीबों के करोड़ों बच्चों को उनके घर के पास दी जाने वाली सुगम व सस्ती सरकारी शिक्षा व्यवस्था के प्रति न्याय नहीं, बल्कि पहली नजर में ही स्पष्ट तौर पर यह अनुचित, गै़र-ज़रूरी एवं गरीब-विरोधी प्रतीत होता है। सरकार से अपील है कि वह अपना युग्मन/एकीकरण का यह फैसला ग़रीब छात्र-छात्राओं के व्यापक हित में तुरन्त वापस ले।

बसपा सरकार बनने पर वापस लिया जाएगा फैसला

मायावती ने आगे लिखा कि यदि सरकार अपना यह फैसला वापस नहीं लेती है तो फिर हमारी पार्टी इनके सभी माता-पिता व अभिभावकों को यह विश्वास दिलाना चाहती है कि हमारी पार्टी बी.एस.पी. की सरकार बनने पर फिर इस फैसले को रद्द करके पुनः यहाँ प्रदेश में पुरानी व्यवस्था बहाल की जायेगी। वैसे उम्मीद है कि यूपी सरकार गरीबों व आमजन की शिक्षा के व्यापक हित के मद्दनज़र अपने इस फैसले को बदलने के बारे में ज़रूर सहानुभूतिपूर्वक विचार करेगी।