अलीगढ़: ताले के लिए पूरे देश और दुनिया में जाना जाता है और इसी पहचान को पुख्ता और कामयाब बनाए रखने के लिए अब सरकार की पहल पर ताले को जीआइ टैग मिला है जिससे ताला कारोबारी और कारीगर उत्साहित नजर आ रहे हैं उनका कहना है कि अब ताले के लिए पहचान रखने वाला अलीगढ़ ही ताले की ब्रांडिंग कर सकता है जिससे ताला व्यापार को इसका लाभ मिलेगा।
जिलाधिकारी इन्द्र विक्रम सिंह ने जानकारी देते हुए बताया कि अलीगढ़ का ताला उद्योग परंपरागत है तो इसकी एक ब्रांडिंग होती है पूरे विश्व में लोग इसको जानते हैं और इसकी एक अपनी पृथक पहचान हो जाती है तो जीआई टैग होने से यहां के उद्यमियों को मदद मिलेगी और उनको एक व्यापार और बाजार का रास्ता भी खुलेगा।
जिलाधिकारी ने बताया
जिलाधिकारी इंद्र विक्रम सिंह ने बताया कि अलीगढ़ से बाहर ताले की मैन्युफैक्चरिंग करने वाले लोग अब ब्रांडिंग नहीं कर सकते और हम अलीगढ़ के ताला कारोबारी इसकी ब्रांडिंग कर सकते हैं तो विश्व में कहीं अगर कोई ताला ढूंढेगा तो उसे अलीगढ़ का ताला दिखेगा।
ताला कारोबारी ने बताया
ताला कारोबारी चेतन पाण्डेय ने जानकारी देते हुए बताया कि हम व्यापारियों के लिए बड़ी खुशी की बात है ज्योग्राफिकल इंडिकेटर यानि जीआइ टैग का हमें जो इस्तेमाल करने की छूट दी है पहले बहुत सारे आइटम नहीं हुआ करते थे अब सरकार ने पहल करते हुए जैसे कि हमारा ओडीओपी, वन डिस्टिक वन प्रोडक्ट ठीक उसी प्रकार से हम लोगों को एक प्रकार से स्वायत्तता दी गई है कि हम जीआई टैग का उपयोग कर सकें। जीआई टैग मिलने से निश्चित ही ताला खरीदारों का और ज्यादा भरोसा बढ़ेगा। क्योंकि ताले का इतिहास काफी पुराना है यहां से ताला कारीगर विदेशों में भी गए और वहां पर फैक्ट्री भी संचालित कर रहे हैं और यहां से काफी माल एक्सपोर्ट भी किया जाता है। ताला कारोबारी ने इस सराहनीय पहल के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की सराहना की।
वही ताला कारीगर सुखबीर ने जानकारी देते हुए बताया कि में 15/20 साल से ताला बनाने का काम कर रहा हूं। हम लोग पीतल के ताले अपने हाथों से तैयार करते हैं। हम ऐसा ताला तैयार करते हैं जो आसानी से ना खुल सके। जीआई टैग जो ताले को किया गया है यह सरकार ने अच्छा काम किया है।