मधुर मोहन दुबे
कानपुर, महिला महाविद्यालय पीजी कॉलेज किदवई नगर के चित्रकला विभाग में उच्च शिक्षा विभाग उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा प्रयोजित आधुनिक भारतीय चित्रकला में अति यथार्थवादी प्रवृत्तियाँ एवं उनका अनुशीलन विषय पर एक राष्ट्रीय संगोष्ठी आयोजित की गयी, संगोष्ठी का शुभारंभ मुख्य अतिथि प्रोफेसर रिपुदमन सिंह उच्च शिक्षा अधिकारी,,कुमकुम स्वरूप संरक्षिका प्रबंधक समिति महिला महाविद्यालय तथा संगोष्ठी निदेशक प्राचार्य प्रोफेसर अंजू चौधरी के वाग्देवी सरस्वती की प्रतिमा पर माल्यार्पण करके किया गया ,संगोष्ठी निदेशक प्राचार्य अंजू चौधरी ने गणमान्य अतिथियों का स्वागत करते हुए अपने स्वागत भाषण में कहा कि अति यथार्थवादी एवं अंतरराष्ट्रीय बौद्धिक एवं सांस्कृतिक आंदोलन है जिसका महत्वपूर्ण केंद्र पेरिस था. 1920 में यह आंदोलन संपूर्ण विश्व में फैल गया तथा कला साहित्य के साथ साथ राजनीतिक सामाजिक एवं मनोवैज्ञानिक सिद्धांतों को प्रभावित करने लगा. आज की संगोष्ठी का विषय वर्तमान परिपेक्ष में अत्यंत प्रासंगिक है तथा इससे समाज एवं राष्ट्र को निश्चय ही नई दिशा प्राप्त होगी , मुख्य अतिथि प्रोफेसर रिपुदमन सिंह ने अपने वक्तव्य में कहा कि उच्च शिक्षा के क्षेत्र में शोध एवं संगोष्ठी का प्रभाव दीर्घकालिक होता है जिससे विस्तृत ज्ञान और विस्तृत दृष्टिकोण प्राप्त होता है.
इस अवसर पर संगोष्ठी के विषय आधुनिक भारतीय चित्रकला में अति यथार्थवादी प्रवृत्तियाँ एवं उनका अनुशीलन पर प्रकाशित पुस्तक जिसका मुख्य संपादक प्रोफेसर अंजू चौधरी एवं संपादन प्रोफेसर वंदना शर्मा ने किया है पुस्तक विमोचन माननीय मुख्य अतिथि एवं गणमान्य जनों के कर कमलों द्वारा संपन्न किया गया.