लखनऊ- उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक पर अभद्र टिप्पणी करना समाजवादी पार्टी के आधिकारिक मीडिया सेल के एक्स अकांउट पर भारी पड़ गया। सपा के मीडिया सेल पर लखनऊ के दो थानों में मुकदमा दर्ज कराया गया है। सपा की पोस्ट को लेकर भाजपा नेताओं की तरफ से हजरतगंज और वजीरगंज थानों में सपा मीडिया सेल के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कराई गई है। भाजपा महानगर अध्यक्ष आनंद द्विवेदी, मनीष शुक्ला, प्रदीप सिंह अन्य कार्यकर्ताओं ने हजरतगंज थाने पहुंचकर मुकदमा दर्ज कराया।
इस पोस्ट पर मचा बवाल
समाजवादी पार्टी के मीडिया सेल अकांउट से शुक्रवार को पोस्ट करते हुए लिखा गया कि बात-बात पर सपा के डीएनए पर बयानबाजी करने वाले ब्रजेश पाठक अपना डीएनए अवश्य चेक करवाएं और उसकी रिपोर्ट सोशल मीडिया पर जरूर डालें, जिससे उनका असली डीएनए तो पता चले। उसके बाद जो लिखा गया, वो इतना अमर्यादित था कि उसका जिक्र मुनासिब नहीं। इस पर डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक ने अखिलेश यादव को टैग करते हुए एक्स पर लिखा- ”अखिलेशजी, ये आपकी पार्टी की भाषा है। ये पार्टी का आफिशियल हैंडल है। लोकतंत्र में सहमति-असहमति, आरोप-प्रत्यारोप सब चलते आए हैं और चलते रहेंगे, पर आप अपनी पार्टी को इस स्तर पर ले आएंगे। क्या आदरणीय डिंपलजी इस स्त्री विरोधी और पतित मानसिकता को स्वीकार करेंगी। उसके बाद सपा के एक्स एकाउंट से उस पोस्ट को धमकी भरे अंदाज में यह कहते हुए हटा लिया गया कि हम तो ट्वीट डिलीट कर दे रहे हैं, लेकिन आप आइंदा से डीएनए की भाषा का इस्तेमाल करने से पहले सोचिएगा कि जब आप किसी कांच के ऊपर पत्थर मारते हैं, तो पलटकर टुकड़े अपनी ओर भी आते हैं।

उपमुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक ने दी प्रतिक्रिया
अखिलेश जी, ये आपकी पार्टी की भाषा है? ये आपकी पार्टी का आफिशियल हैंडल है!! किसी के दिवंगत माता-पिता के लिए शब्दों का ये चयन है? लोकतंत्र में सहमति-असहमति-आरोप-प्रत्यारोप सब चलते आए हैं और चलते रहेंगे पर आप अपनी पार्टी को इस स्तर पर ले आएँगे? क्या आदरणीया डिंपल जी इस स्त्री विरोधी और पतित मानसिकता को स्वीकार करेंगी? सोचिएगा!!!
सपा मीडिया सेल के साथी आलोचना करने के दौरान जिन शब्दों का प्रयोग करते हैं, उसे पढ़ कर लगता ही नहीं कि यह पार्टी राममनोहर लोहिया और जनेश्वर मिश्र की पार्टी रह गई है। जार्ज साहब की बात तथाकथित “समाजवादी ” भूल गए कि शिविर लगाया करो, पढ़ा – लिखा करो । अखिलेशजी ! सपाइयों को लोहिया- जेपी पढ़ाइए और पंडित जनेश्वर जी के भाषण सुनवाइए , ताकि इनके आचरण और उच्चारण में समाजवाद झलके। लोहिया की किताबें आप पर न हो तो मैं उपलब्ध करवा सकता हूं ……… हे महान लोहिया, जनेश्वरजी ! इन नादानों को क्षमा करें, इन्हें कुछ पढ़ाया – लिखाया , सिखाया व समझाया नहीं गया । ये नहीं जानते कि समाजवाद क्या है ? इन्होंने समाजवाद को गाली गलौज, उदंडई और स्तरहीन टिप्पणियों की प्रयोगशाला बना दिया है। जब विपक्ष में रहते हुए इनका ये रूप है तो सत्ता में होते हुए इन्होंने क्या किया होगा, सहज अंदाज़ा लगाया जा सकता है। हैरानी ये भी कि उदंडता, अश्लीलता और अराजकता की संस्कृति के ये शिशुपाल अपने बचाव में योगेश्वर कृष्ण का नाम लेने का दुस्साहस भी कर लेते हैं। हे योगेश्वर कृष्ण, इन शिशुपालों का ऐसे ही उपचार करते रहना जैसे यूपी की जनता पिछले दस सालों से करती आ रही है। यही इनकी नियति होगी।