लखनऊ, मुख्तार अंसारी गिरोह के शातिर अपराधी मोहम्मद सुहैब मुजाहिद की डेढ़ करोड़ रुपये की संपत्ति बाराबंकी पुलिस कुर्क करेगी। इसे लेकर जिलाधिकारी अविनाश कुमार ने आदेश दे दिया है। दरअसल अप्रैल 2021 में एआरटीओ द्वारा नगर कोतवाली में फर्जी कागजों से एंबुलेंस पंजीकरण कराने के मामले में मुकदमा दर्ज कराया गया था। मुख्तार फर्जी एंबुलेंस मामले में बाराबंकी पुलिस चार्जशीट भी दाखिल कर चुकी है। इसके अलावा अभी तक बाराबंकी पुलिस गैंग के बदमाशों की 50 करोड़ से ज्यादा की संपत्ति कुर्क करने की कार्रवाई कर चुकी है।
मुख्तार अंसारी फर्जी एंबुलेंस मामले में उसके साथ मोहम्मद सुहैब मुजाहिद का नाम भी सामने आया था। वह मऊ जिले के ही थाना घोसी क्षेत्र के मोहल्ला मलिक टोला जमाल मिर्जापुर का निवासी है और गैंग के अन्य सदस्यों के साथ उस पर भी बाराबंकी पुलिस ने गैंगस्टर लगाया था। जिसके खिलाफ अब कुर्की की कार्रवाई होने जा रही है। गिरोह के बाकी सदस्यों की संपत्ति के खिलाफ भी कार्रवाई जारी है। बाराबंकी के एसपी दिनेश कुमार सिंह ने बताया कि मऊ जिले के कस्बा खास मलिक टोला में सुहैब ने 70 लाख रुपए की जमीन खरीदकर वर्ष 2022 तक जमीन पर करीब 80 लाख रुपया के मकान आदि का निर्माण कराया। अब इस संपत्ति को कुर्क किया जाएगा। बाराबंकी पुलिस मऊ जाकर यह कार्रवाई करेगी।
दरअसल बांदा जेल से पहले मुख्तार अंसारी पंजाब की रोपड़ जेल में करीब 26 महीने तक बंद रहा था। वह यहां की जेल से पेशी पर जाने के लिए बाराबंकी एआरटीओ आफिस में फर्जी कागजों से रजिस्टर्ड निजी एंबुलेंस का सहारा लेता था। मुख्तार की उस फर्जी एंबुलेंस का नंबर यूपी 41 एटी 7171 था। 31 मार्च 2021 को पहली बार यह मामला सामने आया था। जिसके बाद बाराबंकी के तत्कालीन एआरटीओ पंकज सिंह ने शहर कोतवाली में मुख्तार अंसारी समेत मऊ की संजीवनी अस्पताल की संचालिका डॉ. अलका राय और अन्य लोगों पर केस दर्ज कराया था। इस मामले में पुलिस ने 13 लोगों को आरोपी बनाया। इसके साथ ही सभी आरोपियों को जेल भेजकर चार अप्रैल 2021 को चार्जशीट भी कोर्ट में दाखिल की जा चुकी है।