यूपी के पूर्व कैबिनेट मंत्री रहे बाहुबली नेता रघुराज प्रताप सिंह उर्फ राजा भैया की मुसीबत एक बार फिर बढ़ सकती है। सीओ जिलाउल हक हत्याकांड में सीबीआई ने फिर से जांच शुरू कर दी है । सीबीआई ने ये जांच हाईकोर्ट द्वारा उसको क्लोजर रिपोर्ट खारिज किये जाने के बाद शुरू की है जिसमें सीबीआई ने जिलाउल हक हत्याकांड मामले में राजा भैया को क्लीन चिट दे दी थी ।
दिवंगत जिलाउल हक की पत्नी परवीन आजाद की अपील पर सुनवाई करते हुए हाई कोर्ट ने सीबीआई की क्लोजर रिपोर्ट को खारिज कर दिया था। दरअसल जियाउल मर्डर केस के आरोपियों में शामिल जेल में बंद पवन यादव ने उनकी सीओ की पत्नी परवीन आजाद को पत्र लिखा था। पवन ने पत्र में कहा था कि तत्कालीन कुंडा सीओ का मर्डर राजा भैया के इशारे पर किया गया था। इसी पत्र को आधार बनाकर परवीन ने सीबीआई की उस क्लोजर रिपोर्ट को हाई कोर्ट में चुनौती दी थी, जिसमें राजा भैया को क्लीन चिट दी गई थी।
हाईकोर्ट से क्लोजर रिपोर्ट खारिज होने के बाद अब सीबीआई ने दोबारा इस हत्याकांड की जांच शुरू कर दी है। जिसके लिए सीबीआई की प्रयागराज टीम ने कुंडा के बलीपुर पहुंच कर जांच शुरू कर दी है। जिससे ये माना जा रहा है कि एक बार फिर से रघुराज प्रताप सिंह राजा भैया को जांच का सामना करना पड़ सकता है।
गौरतलब है कि, कुंडा के बलीपुर गांव में 2 मार्च 2013 की शाम 7:30 बजे प्रधान नन्हे सिंह यादव की उस समय हत्या कर दी गई, जब वह विवादित जमीन के सामने बनी एक झोपड़ी में मजदूरों से बात कर रहे थे। हत्यारे दो बाइक पर सवार थे। घटना की जानकारी मिलने पर ग्राम प्रधान नन्हे यादव के समर्थको ने कामता पाल के घर में आग लगा दी। जिसके बाद तत्कालीन कुंडा सीओ डीएसपी जियाउल हक अपनी टीम के साथ बलीपुर गांव पहुंचे। वह फोर्स के साथ पीछे के रास्ते से गांव में मृतक प्रधान नन्हे यादव के घर की तरफ बढ़े, तभी ग्रामीणों ने फायरिंग शुरू कर दी। फायरिंग होते ही सीओ जिलाउल के साथ मौजूद गनर इमरान और कुंडा एसएसआइ विनय कुमार सिंह डरकर खेत में छिप गए। रात 8:30 बजे प्रधान नन्हे यादव के छोटे भाई 38 वर्षीय सुरेश यादव की भी हत्या कर दी गई। देर रात भारी पुलिस बल बलीपुर गांव पहुंचा और सीओ जिलाउल की तलाश शुरू हुई। जिसके बाद जियाउल हक का शव मृतक प्रधान नन्हे यादव के घर के पीछे सड़क पर पड़ा मिला था।
राजा भैया ने दिया था मंत्री पद से इस्तीफा
सीओ जिलाउल हक़ हत्याकांड में सीओ की पत्नी परवीन आजाद की तहरीर पर नगर पंचायत अध्यक्ष गुलशन यादव, राजा भैया के प्रतिनिधि हरिओम श्रीवास्तव, चालक राजा भैया , गुड्डूं सिंह के खिलाफ हत्या व राजा भैया के खिलाफ हत्या की साजिश रचने का मुकदमा दर्ज हुआ था। जिसके बाद राजा भैया ने मंत्री पद से इस्तीफा दे दिया था। रघुराज प्रताप सिंह उर्फ राजा भैया का नाम आने पर उन्होंने मंत्री पद से इस्तीफा दिया था । राजा भैया उस वक़्त अखिलेश सरकार में जेल मंत्री थे।