यूपी के चुनाव में सेना की एंट्री
कांग्रेस ने आज एक बुकलेट लॉन्च की है जिसमें यह बताया गया कि मोदी सरकार ने वीरता के नाम पर वोट मांगते हुए आर्म्ड फोर्स और सैनिकों के हितों के साथ किस तरह समझौता किया है। ‘शौर्य के नाम पर वोट सेना के हितों पर चोट’ नाम की इस बुकलेट में कांग्रेस ने बताया है कि कैसे मोदी सरकार के तहत सशस्त्र बलों में 1.22 लाख पद खाली रह गए हैं और कैसे पूर्व सैनिकों को एक रैंक, एक पेंशन के नाम पर धोखा दिया गया है।
इस बुकलेट को लखनऊ स्थित कांग्रेस प्रदेश कार्यालय में महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री व पार्टी के वरिष्ठ नेता पृथ्वीराज चह्वाण ने लांच किया। उन्होंने कहा कि देश में भाजपा की सरकार ने अपने स्वार्थ के लिए सेना के शौर्य और उसके बलिदान का उपयोग किया है। उन्होंने कहा कि इस सरकार के 7 साल के कार्यकाल में सेना की मूलभूत सुविधाओं का सिर्फ हनन ही हुआ है। यहीं नही उन्होंने कांग्रेस सरकार व बीजेपी सरकार के दौरान सेना के लिए किए गए कार्यों की भी तुलना की है।
पूर्व मुख्यमंत्री चव्हाण ने कहा, मुरली मनोहर जोशी ने ‘‘पार्लियामेंट्री स्टैंडिंग कमिटी ऑन एस्टीमेट’’ की रिपोर्ट कहा था मोदी सरकार भारत की राष्ट्रीय सुरक्षा से खिलवाड़ कर रही है व सेना के हितों को नकार कर सरकार ने सेना के बजट में 60 साल की सबसे भीषण कटौती की है। यही नही उन्होंने कहा कि मोदी सरकार की शर्मनाक असंवेदनशीलता का इससे बड़ा सबूत क्या है कि जिस दिन सीडीएस जनरल बिपिन रावत और उनकी पत्नी की दुर्घटना में मौत हुई उसी दिन उनके ससुर की समाधि पर मध्यप्रदेश की भाजपा सरकार बुलडोजर चला देती है।
उन्होंने कहा 13 दिसंबर, 2021 को रक्षा मंत्रालय ने संसद को बताया कि तीनों सेनाओं में 1,22, 555 पद खाली पड़े हैं, जिनमें से लगभग 10,000 पद सैन्य अधिकारियों के भी हैं। देश की सुरक्षा से मोदी सरकार द्वारा किया जा रहा यह खिलवाड़ नाकाबिले माफ़ी है। उन्होंने वन रैंक वन पेंशन का मुद्दा उठाते हुए कहा कि मोदी सरकार ने ओआरओपी के नाम पर 30 लाख पूर्व सैनिकों को धोखा दिया है। मोदी सरकार ने सेना के 30-40 प्रतिशत सैनिकों से वन रैंक, वन पेंशन पूरी तरह से छीन ली।
कांग्रेस की बुकलेट सॉरी के नाम पर वोट सेना के हितों पर चोट
कांग्रेस ने जिस बुकलेट को आज लांच किया है उसमें सेना से जुड़े मुद्दों को उठाया गया है। इस बुकलेट में सेनाओं में खाली पद, वन रैंक वन पेंशन, ECHS बजट, CSD कैंटीन में लगाई गईं पाबंदियां, सैनिकों की डिसेबिलिटी पेंशन ओर टैक्स व सांतवे वेतन आयोग में सेना की अनदेखी समेत कई मुद्दों को जगह दी गयी है।