क्यूआर कोड से वेंडरों की होगी पहचान,अवैध वेंडरों पर लगेगी लगाम

मोहित पांडे-  रेलवे स्टेशनों और ट्रेनों पर अवैध तरीके से खाने-पीने का सामान बेचने वाले वेंडर्स पर अब लगाम लगाने के लिए और खान-पान की गुणवत्ता सुधारने के लिए रेलवे प्रयागराज मंडल नई व्यवस्था लागू करने जा रहा है। इस नई व्यवस्था के तहत पंजीकृत वेंडर्स को क्यूआर कोड मिलेंगे, जिनसे उनकी पहचान होगी और अवैध वेंडर्स पर नकेल कसी जा सकेगी। अब कानपुर सहित अन्य स्टेशनों और ट्रेनों में खानपान की गुणवत्ता और सुधरेगी। इस व्यवस्था के लागू हो जाने से अवैध ढंग से काम करने वाले वेंडर खाद्य सामग्री नहीं बेच पाएंगे। उन्हें आसानी से पकड़ा जा सकेगा।

क्यूआर कोड व आरएफआइडी कोड जुड़ेंगे मोबाइल से

अवैध ढंग से काम कर रहे वेंडरों पर नकेल कसने के लिए उत्तर मध्य रेलवे प्रयागराज मंडल में जून से नई व्यवस्था के तहत पंजीकृत वेंडरों को क्यूआर कोड व आरएफआइडी कोड मिलेंगे। मोबाइल एप्लीकेशन से इन्हें जोड़ा जाएगा। क्यूआर कोड स्कैन करने पर पता चल जाएगा कि वेंडर पंजीकृत है या अवैध ढंग से खानपान सामग्री बेच रहा है। इससे भोजन की गुणवत्ता सुधारने में मदद मिलेगी,,रोज पकड़ने,जुर्माना वसूलने के बावजूद भी अवैध वेंडरों की समस्या से भी छुटकारा मिलेगा। धीरे-धीरे केवल पंजीकृत वेंडर ही काम कर सकेंगे।

क्यूआर कोड से मोबाइल पर आ जाएगी पूरी कुंडली

क्यूआर कोड के जरिए रेलवे अब वेंडर्स को इसी के साथ परिचय बनाकर देगा। जिसे हर वेंडर को गले में टांगना अनिवार्य होगा। अगर किसी भी यात्री या रेल अधिकारी को वेंडर पर शक होगा तो उस परिचय पत्र को मोबाइल से स्कैन करके उसकी पूरी जानकारी ले सकता है। इसमें वेंडर का नाम, पता, ठेकेदार का नाम, कार्ड की वैधता, कार्यस्थल, मोबाइल नंबर समेत अन्य महत्वपूर्ण डिटेल्स सीधे मोबाइल पर आ जाएगी।