जिलाधिकारी ने स्कूलों की मनमानी रोकने के लिए गठित की एक्शन कमेटी

KNEWS DESK- नए शैक्षिक सत्र की शुरुआत हो गई है। ऐसे में स्कूलों की मनमानी भी शुरू हो गई है। तमाम स्कूलों ने फीस में बढ़ोत्तरी कर दी है। वहीं अभिभावक स्कूलों द्वारा बताई गई दुकानों से ही कॉपी किताबें खरीदने को मजबूर है। कानपुर में स्कूल संचालकों की मनमानी पर लगाम कसने के लिए जिला प्रशासन ने पहल की है। डीएम कानपुर ने शुल्क नियामक अधिनियम लागू करने का आदेश पारित किया है। जिसके चलते शिकायत मिलने पर स्कूलों के खिलाफ कठोर कार्रवाई की जाएगी। जिलाधिकारी का कहना है कि स्कूल शैक्षिक सत्र शुरू होने से 2 महीने पहले शुल्क में बढ़ोतरी कर सकते हैं । इसे उन्हें स्कूल की वेबसाइट पर अपडेट करना जरूरी है।

मीडिया से बात करते जिलाधिकारी जितेन्द्र प्रताप सिंह

वही स्कूल किसी भी अभिभावक को किसी विशेष दुकान से काफी किताबें खरीदने को मजबूर नहीं कर सकते। अभिभावक मनमाने तरीके से वसूली की शिकायत डीआईओएस और सीधे जिलाधिकारी से कर सकते हैं। दोषी पाए जाने पर पहली बार स्कूल पर एक लाख का जुर्माना लगाया जाएगा। दूसरी बाद में जुर्माने की राशि 5 लाख होगी। वही मनमानी करने पर स्कूल की मान्यता भी रद्द की जा सकती है। अभिभावकों का कहना है कि स्कूल संचालक किसी की बात नहीं मानते। हर साल तमाम स्कूल मनमानी तरीके से शुल्क में बढ़ोत्तरी कर देते हैं। स्कूल के बताई गई दुकान से ही काफी किताबें खरीदने की मजबूरी है। जहां प्रिंट रेट पर ही कॉपी किताब और स्टेशनरी बिकती हैं। मजबूरी है उन्हें अगर अपने बच्चों को पढ़ना है तो पेट काटकर स्कूल के बताएं खर्चों को पूरा करना होगा।

स्कूलों की मनमानी से है अभिभावक परेशान

स्कूलों का नया सत्र चालू होने के चलते अभिभावकों की जेब में स्कूल संचालक डाका डाल रहे हैं। विगत में भी कई मामले ऐसे प्रकाश में आये हैं जिसमें स्कूलों की कार्यशैली पर शब्दचिह्न लगा दिए है। ये स्कूल संचालक मनमाने ढंग से निजी पब्लिकेशन की किताबें निर्धारित बुक स्टाल से खरीदने के लिए अभिभावकों को मजबूर करते हैं। इसके अलावा स्कूल संचालक स्कूल की ड्रेस में फेरबदल करके निर्धारित दुकान से खरीदने के लिए अभिभावकों से कहते हैं ताकि मोटा कमीशन इन स्कूल संचालकों को मिल सके।

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