डिजिटल डेस्क- उत्तर प्रदेश पुलिस के निलंबित CO ऋषिकांत शुक्ला, जो हाल ही में 100 करोड़ की अवैध संपत्ति के आरोपों में सुर्खियों में आए थे, ने अब वीडियो जारी कर अपनी सफाई दी है। उन्होंने सभी आरोपों को निराधार बताते हुए कहा है कि वह अपराधियों की साजिश का शिकार हो रहे हैं। शुक्ला ने कहा कि कुछ लोग जिन्होंने उनके खिलाफ कार्रवाई झेली थी, अब बदले की भावना से झूठे आरोप लगवा रहे हैं। ऋषिकांत शुक्ला, जो मैनपुरी के भोगांव में CO पद पर तैनात थे, को आय से अधिक संपत्ति के आरोप में निलंबित किया गया था। जांच तब शुरू हुई जब उनके बेटे की भव्य शादी और कानपुर के कारोबारी अखिलेश दुबे से नजदीकियों की खबरें सामने आईं। इसके बाद सोशल मीडिया पर यह चर्चा फैल गई कि उन्होंने कुछ ही वर्षों में करोड़ों की संपत्ति इकट्ठा की है।
अखिलेश दुबे से केवल पेशेवर संबंध
अपने वीडियो बयान में निलंबित CO ने कहा कि अखिलेश दुबे से उनका रिश्ता सिर्फ एक पुलिस अधिकारी और लीगल एडवाइजर के रूप में था। “जब कानूनी सलाह की ज़रूरत होती थी, मैं उनसे बात करता था। हमारे बीच किसी भी तरह की आर्थिक साझेदारी नहीं है। बेटे के नाम पर 33 कंपनी होने के सवाल पर ऋषिकांत शुक्ला ने साफ कहा कि उनके बेटे के नाम पर बताई जा रही 33 कंपनियों की बात सरासर झूठी है। मेरे बेटे के नाम पर कोई कंपनी नहीं है। आर्य नगर और स्वरूप नगर में जिन संपत्तियों का दावा किया जा रहा है, वह भी फर्जी है।
गैंग्स के खिलाफ कार्रवाई के चलते रची गई साजिश
CO ऋषिकांत शुक्ला ने दावा किया कि उन्होंने कई कुख्यात अपराधियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की थी, जिससे अपराधी उनसे नाराज थे। उन्होंने कहा कि मैंने डिटो गैंग को पकड़ा था, जिसके लिए सरकार ने मुझे इनाम दिया था। ड्रग तस्करों और मुन्ना बजरंगी गैंग के शूटरों पर भी कार्रवाई की थी। हो सकता है यही लोग अब संगठित होकर मेरे खिलाफ षड्यंत्र रच रहे हों। पूछताछ के दौरान ऋषिकांत शुक्ला ने एक व्यक्ति मनोहर शुक्ला पर आरोप लगाया कि वह माफिया श्रीप्रकाश शुक्ला का रिश्तेदार है और वही उनके खिलाफ झूठे सबूत फैला रहा है। उन्होंने कहा कि एसआईटी को गुमराह किया गया है। मुझे भरोसा है कि जब मुझे स्पष्टीकरण का मौका मिलेगा, तब सच सामने आ जाएगा।