कानपुर: मिशन शक्ति अभियान के तहत श्रद्धा दीक्षित बनी एक दिन की डीएम, जनता की समस्याओं को किया हल

सारिका गुप्ता- कानपुर में बुधवार को मिशन शक्ति अभियान के तहत एक प्रेरणादायक पहल देखने को मिली। जिलाधिकारी जितेंद्र प्रताप सिंह ने अपने कार्यालय में नौबस्ता के परितोष इंटर कॉलेज की छात्रा श्रद्धा दीक्षित को एक दिन की डीएम के रूप में नियुक्त किया। यह कार्यक्रम छात्रों को प्रशासनिक कार्यप्रणाली और नेतृत्व क्षमता से अवगत कराने के उद्देश्य से आयोजित किया गया था।

कुर्सी मिलते ही किया समाधान, अधिकारियों को दिये निर्देश

डीएम की कुर्सी संभालते ही श्रद्धा ने जनता दर्शन में पहुंचे फरियादियों की समस्याओं को ध्यान से सुना। उन्होंने संबंधित अधिकारियों को समाधान सुनिश्चित करने के निर्देश दिए और कई महत्वपूर्ण फाइलों पर हस्ताक्षर भी किए। इस दौरान उन्होंने प्रशासनिक कार्यों में सक्रिय भागीदारी दिखाई, जिससे उपस्थित अधिकारी और कर्मचारी भी प्रभावित हुए।

जिलाधिकारी ने बताया मिशन का उद्देश्य

इस अवसर पर जिलाधिकारी जितेंद्र प्रताप सिंह ने कहा कि मिशन शक्ति अभियान का उद्देश्य महिलाओं को सशक्त बनाना और बेटियों में नेतृत्व क्षमता को विकसित करना है। उन्होंने बताया कि इस तरह की पहलों से छात्राओं का आत्मविश्वास बढ़ता है और वे भविष्य में शासन-प्रशासन की जिम्मेदारियों को समझने और निभाने के लिए प्रेरित होती हैं। उन्होंने कहा, “आज श्रद्धा ने न केवल प्रशासनिक कार्यों को समझा बल्कि जनता के प्रति जिम्मेदारी और संवेदनशीलता भी दिखाई। यह पहल हमारे मिशन शक्ति अभियान की सफलता का प्रतीक है।”

श्रद्धा ने साझा किया अपना अनुभव

श्रद्धा दीक्षित ने इस अनुभव को अपने जीवन का बेहद खास दिन बताया। उन्होंने कहा कि डीएम की कुर्सी पर बैठकर प्रशासनिक जिम्मेदारियों को अनुभव करना उनके लिए गर्व और प्रेरणा का विषय है। श्रद्धा ने कहा, “मैंने जनता की समस्याओं को सुनकर और अधिकारियों के साथ फाइलों पर काम करके महसूस किया कि प्रशासनिक काम कितना चुनौतीपूर्ण और महत्वपूर्ण होता है। मेरा सपना है कि भविष्य में मैं सिविल सेवा में जाकर समाज की सेवा करूँ।”

मौजूद अधिकारियों ने श्रद्धा के नेतृत्व कौशल की सराहना की

कार्यक्रम के दौरान छात्रों, शिक्षकों और अधिकारियों ने श्रद्धा के आत्मविश्वास और नेतृत्व कौशल की सराहना की। इस पहल से यह संदेश भी मिला कि बेटियां किसी भी क्षेत्र में नेतृत्व कर सकती हैं और समाज के विकास में योगदान दे सकती हैं। लोगों का मानना है कि इस तरह की पहलों से न केवल छात्राओं का आत्मविश्वास बढ़ता है, बल्कि उन्हें लोक प्रशासन और समाज सेवा के महत्व को समझने का अवसर भी मिलता है। मिशन शक्ति अभियान के तहत श्रद्धा दीक्षित का यह अनुभव अन्य छात्रों के लिए प्रेरणा का स्रोत बन गया है और उन्हें बड़े सपने देखने और उन्हें साकार करने के लिए प्रेरित करेगा।