डिजिटल डेस्क- कानपुर नगर निगम के नए आयुक्त अर्पित उपाध्याय ने पदभार संभालते ही सख्त रवैया अपनाया है। उन्होंने 10 अक्टूबर को अपने कार्यभार की शुरुआत नगर निगम दफ्तर में पूजा-अर्चना के साथ की। राधा कृष्ण मंदिर में माथा टेकने के बाद उन्होंने कार्यालय का निरीक्षण किया और कर्मचारियों-अधिकारियों के पहनावे को लेकर नाराजगी जताई। इसके बाद उन्होंने नगर निगम में नए ड्रेस कोड को लागू करने की घोषणा की है। नए नियमों के मुताबिक, अब कोई भी कर्मचारी या अधिकारी टीशर्ट, जींस या चप्पल पहनकर दफ्तर नहीं आएगा। सभी को फॉर्मल कपड़े और जूते पहनना अनिवार्य होगा। इसके साथ ही आयुक्त ने यह भी साफ कर दिया कि पान मसाला खाकर कार्यालय परिसर में घूमना या थूकना बिल्कुल बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। इस आदेश का उल्लंघन करने वालों पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
बैठकें समय से हो और कोई भी कर्मचारी बैठक शुरू होने के बाद शामिल न हो- नगरायुक्त
अर्पित उपाध्याय ने यह भी निर्देश दिया कि नगर निगम में होने वाली आहुति बैठकें समय पर शुरू हों, और कोई भी अधिकारी या कर्मचारी बैठक शुरू होने के बाद शामिल न हो। उन्होंने कहा कि अब से अनुशासन और समय पालन सर्वोच्च प्राथमिकता होगी। पदभार संभालने के बाद उन्होंने पहली ही मीटिंग में साफ कर दिया कि दीपावली से पहले पूरे शहर की सफाई व्यवस्था पूरी तरह दुरुस्त हो जानी चाहिए। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिया कि सड़कों पर पैच वर्क और स्ट्रीट लाइट की मरम्मत जल्द से जल्द पूरी की जाए। आयुक्त ने यह भी चेतावनी दी कि वे कभी भी औचक निरीक्षण पर निकल सकते हैं और लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी।
10 अक्टूबर को संभाला है पदभार
गौरतलब है कि 8 अक्टूबर को तत्कालीन नगर निगम आयुक्त सुधीर कुमार का तबादला हुआ था। इसके बाद 10 अक्टूबर को अर्पित उपाध्याय ने कानपुर पहुंचकर सर्किट हाउस में चार्ज ग्रहण किया और अगले दिन नगर निगम दफ्तर पहुंचे। उनके सख्त निर्देशों और ड्रेस कोड लागू करने के फैसले की अब पूरे शहर में चर्चा हो रही है। लोगों का कहना है कि नए आयुक्त का यह कदम दफ्तर में अनुशासन और प्रोफेशनल माहौल लाने की दिशा में बड़ा कदम साबित हो सकता है।