कानपुरः नीलामी से खरीदे सरकारी वाहनों के नंबरों के निजी उपयोग पर लगी रोक, 150 वाहन स्वामियों को जारी होगा नोटिस

डिजिटल डेस्क- अब नीलामी में खरीदे गए सरकारी वाहनों के नंबर निजी लोग उपयोग नहीं कर पाएंगे। शासन ने सख्त दिशा-निर्देश जारी करते हुए ऐसे सभी वाहनों को ब्लैकलिस्ट करने का आदेश दिया है, जिन पर सरकारी विभागों के लिए आरक्षित नंबर सीरीज का इस्तेमाल हो रहा है। परिवहन विभाग ने कानपुर समेत विभिन्न जिलों में ऐसे वाहनों की सूची तैयार कर उनके स्वामियों को नोटिस भेजना शुरू कर दिया है।

रामपुर मामले को देखते हुए लिया गया निर्णय

एआरटीओ प्रशासन आलोक कुमार सिंह ने बताया कि हाल ही में रामपुर में एक मामला सामने आया था, जहां नॉन-ट्रांसपोर्ट वाहनों को भी बीजी (BG) सीरीज का नंबर आवंटित हो गया था। जबकि बीजी और एजी (AG) सीरीज केवल सरकारी विभागों के वाहनों के लिए ही सुरक्षित है। इस गड़बड़ी को गंभीरता से लेते हुए तत्कालीन परिवहन आयुक्त ने निर्देश जारी किए थे कि नीलामी के बाद ऐसे वाहनों की सूची बनाई जाए और उन्हें ब्लैकलिस्ट कर दिया जाए। इसी कड़ी में कानपुर में भी कार्रवाई तेज कर दी गई है। एआरटीओ प्रशासन ने बताया कि करीब 100 से 150 ऐसे वाहनों की पहचान की गई है, जो नीलामी में सरकारी विभागों से खरीदे गए थे और अभी भी उन्हीं पुराने सरकारी नंबरों पर सड़कों पर दौड़ रहे हैं। ऐसे वाहन मालिकों को नोटिस जारी कर स्पष्ट कर दिया गया है कि उन्हें तत्काल अपने वाहन का नंबर बदलवाना होगा।

सरकारी नंबरों का हो रहा है दुरूपयोग

सूत्रों के मुताबिक, नोटिस में साफ तौर पर लिखा गया है कि अगर वाहन स्वामी पुराने सरकारी नंबर का उपयोग जारी रखते हैं तो उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। साथ ही ऐसे वाहनों का पंजीयन रद्द करने तक की कार्रवाई संभव है। विभाग का कहना है कि यह कदम सरकारी नंबरों के दुरुपयोग और संभावित फर्जीवाड़े को रोकने के लिए उठाया गया है। परिवहन विभाग का मानना है कि सरकारी नंबरों का निजी उपयोग न केवल नियमों के खिलाफ है बल्कि सुरक्षा की दृष्टि से भी खतरा पैदा कर सकता है। कई बार देखा गया है कि सरकारी नंबरों का दुरुपयोग करके लोग अवैध गतिविधियों को अंजाम देते हैं या विशेष सुविधाएं हासिल करने की कोशिश करते हैं।

वाहन मालिकों को करानी होगी प्रक्रिया पूरी

एआरटीओ ने कहा कि नीलामी से खरीदे गए वाहनों को निजी पंजीयन संख्या अवश्य दिलवानी होगी। इसके लिए वाहन मालिकों को परिवहन विभाग से संपर्क कर प्रक्रिया पूरी करनी होगी। विभाग का दावा है कि आगामी दिनों में इस कार्रवाई को और कड़ा किया जाएगा और किसी भी हाल में सरकारी नंबरों का निजी इस्तेमाल बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।