दुबई से संचालित हो रहा था सट्टा, रोज लग रही थी बड़ी डील, पुलिस ने छापा मार 10 को किया गिरफ्तार

SHIV SHANKAR SAVITA- आईपीएल शुरू होते ही सट्टा कारोबार फलने-फूलने लगता है। कानपुर में शुक्रवार देर शाम को क्राइम ब्रांच ने सटीक सूचना पर छापेमारी कर बड़ा सट्टा पकड़ा है। पुलिस की छापेमारी में 15 सटोरिये सट्टा लगाते हुए रंगे हाथ पकड़े गए। पकड़े गए सटोरियों के पास से 23 लाख की बड़ी रकम बरामद हुई। कानपुर में पुलिस की बड़ी कार्रवाई से आसपास के जिलों में संचालित होने वाला कारोबार में हड़कंप मच गया।

दुबई से संचालित होता था सट्टा

क्राईम ब्रांच की छापेमारी में सट्टा दुबई के सर्वर से संचालित होना पाया गया। ये सटोरिये दुबई की आईडी लेकर सट्टे का संचालन कर रहे थे और इनकी सट्टे की साइट चलाने वाला व्यक्ति दुबई में बैठकर सट्टा कारोबार को संचालित कर रहा था।

पकड़े गए सटोरिये

क्राईम ब्रांच ने टीम बनाकर दी दबिश

क्राईम ब्रांच ने सूचना के आधार पर सेन पश्चिम पारा में टीम बनाकर दबिश दी तो पांच लोगों को सट्टा खिलवाते रंगे हाथ पकड़ा। पकड़े गए आरोपियों के पास से पुलिस ने 6 लाख 78 हजार रूपये बरामद किए। पूछताछ में पुलिस ने बताया कि पिछले 12 दिन में 40 लाख से ज्यादा की रकम हवाला के जरिये लेनदेन हो चुका है। पकड़े गए सटोरियों के पास एक गैजेट भी बरामद हुआ है जिसको पुलिस कब्जे में लेकर उसे खंगाल रही है और प्रदेश भर में संचालित होने वाले सट्टे की धरपकड़ करने की तैयारी कर रही है।

बिठूर पुलिस ने भी पकड़ा सट्टा, साढ़े 16 लाख बरामद

मंधना चौकी इंचार्ज अरूण कुमार सिंह ने बताया कि मुखबिर से सूचना मिली कि पोस्ट आफिस वाली गली में कुछ लोग तिवारी के मकान में सट्टा खेल रहे हैं। सूचना पर एसीपी अभिषेक पांडेय मय फोर्स के साथ छापा मारने पहुँचे। तिवारी उर्फ मून के मकान पर सट्टा खेल रहे 10 लोगों को गिरफ्तार किया। बिठूर पुलिस की कार्रवाई में पुलिस ने साढ़े 16 लाख रूपए बरामद किये।

वेबसाइट से खेलते थे सट्टा

पकड़े गए सटोरियों ने बताया कि वेबसाइट के माध्यम से सट्टा लगाया जाता था। जिसकी आईडी विदेश में बैठे लोगों के पास होती थी और उनके ही माध्यम से हम लोगों को आईडी मिलती थी। इन लोगों ने पूरे देश में कई एजेंट बना रखे है जिनके पास अलग-अलग आईडी होती थी और सबके पासवर्ड भी अलग होते थे। बाहर बैठा गैंग एजेंटों के माध्यम से लोगों से सट्टा लगवाता था। इस सट्टे में चाहे कोई हारे या कोई भी जीते फायदा विदेश में बैठे गैंग को ही होता था। जीतने वाले से कुछ कमीशन फीस के रूप में ली जाती थी।

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