मवेशियों से भरी गाड़ी को जबरन रोककर मारपीट और लूट करने के आरोप में 11 पुलिसकर्मी निलंबित

डिजिटल डेस्क- कानपुर में बीते दिनों बर्रा थाना क्षेत्रके मवेशियों से लदी गाड़ी को रोक कर मारपीट और लूटपाट के आरोप में 11 पुलिस कर्मचारियों को निलंबित कर दिया गया है। एडीसीपी साउथ ने प्राथमिक जांच में पुलिसकर्मियों को दोषी पाया है। इनमें तीन पीआरवी वाहनों में एक चकेरी और दो हनुमंत विहार थाना क्षेत्र की थीं। बताया जा रहा है कि उत्तर प्रदेश के अलीगढ़ के रहने वाले मोहम्मद उजैर कानपुर के सरसौल से मवेशियों को खरीद कर अलीगढ़ ले जा रहे थे। कानपुर साउथ के बर्रा थाना क्षेत्र में पहुंचने पर पीआरवी की तीन पीआरवी वाहनों के पुलिसकर्मियों ने (2 हनुमंत विहार और 1 चकेरी) मवेशियों से भरी गाड़ी को ओवरटेक करके रोक लिया। उजैर के अनुसार पुलिसकर्मियों ने पशु क्रूरता का आरोप लगाते हुए सभी को 500 रुपये देने की बात कही। अवैध वसूली का विरोध करने गाड़ी से खींच कर बुरी तरह पीटा और गाड़ी में रखे 10 हजार रुपये लेकर चले गए।

मामला मीडिया में आने के चलते हुई कार्रवाई

इस मामले की शिकायत उजैर ने पुलिस अधिकारियों से की। मामला मीडिया में आने के बाद डीसीपी साउथ दीपेंद्र नाथ चौधरी ने मामले की जांच एडीसीपी साउथ योगेश कुमार को सौंपी। डीसीपी हेडक़वार्टर ने बताया कि पीआरवी कर्मियों की भूमिका संदिग्ध पाई गई है। पीआरवी वाहनों को अपने ही थाना क्षेत्र में रहना चाहिए था, अगर ऐसी कोई बड़ी बात होती तो अन्य थाना क्षेत्र में सूचना देते या कंट्रोल रूम में या आला अधिकारियों को भी सूचित कर सकते थे, लेकिन इन 11 पुलिसकर्मियों ने ऐसा नहीं किया। जिसके चलते इनको निलंबित कर दिया गया है।

पीआरवी 7058 और पीआरवी 7055 के पुलिसकर्मी पाए गए दोषी

पीआरवी 7058 थाना चकेरी में ऋषि राजन, हरि ओम, रिंकी रानी, अतुल सचान, पीआरवी 6504 थाना हनुमंत विहार में अमीर हसन, सोनू यादव, आराधना, प्रदीप कुमार व पीआरवी 7055 थाना हनुमंत विहार में अजय कुमार यादव, उमाशंकर दीक्षित, आनंद कुमार की ड्यूटी थी। इन सभी को प्रथमदृष्ट्या दोषी पाया गया है।