KNEWS DESK – कानपुर के नानामऊ घाट पर स्वास्थ्य विभाग के डिप्टी डायरेक्टर आदित्यवर्धन सिंह के गंगा में डूबने की घटना ने सभी को स्तब्ध कर दिया है। शनिवार को अपने दोस्तों के साथ गंगा स्नान करने गए आदित्यवर्धन का पैर अचानक फिसल गया और वह गहरे पानी में समा गए। उनके साथ मौजूद दोस्तों ने उन्हें बचाने की पूरी कोशिश की, लेकिन तेज बहाव के कारण वे सफल नहीं हो सके।
गोताखोर पर रुपये मांगने का आरोप
घटना के बाद एक चौंकाने वाला खुलासा हुआ, जब डूब रहे आदित्यवर्धन को बचाने के लिए पास में मौजूद गोताखोर से मदद मांगी गई। उनके दोस्त प्रदीप तिवारी ने आरोप लगाया कि गोताखोर ने मदद के बदले दस हजार रुपये की मांग की। जब रुपये उसके खाते में ऑनलाइन ट्रांसफर कर दिए गए, तब जाकर उसने अपनी नाव निकाली और तलाश शुरू की। हालांकि, तब तक बहुत देर हो चुकी थी और आदित्यवर्धन का कहीं पता नहीं चला। इस घटना ने मानवता पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं कि आखिर कैसे एक जीवन की कीमत पैसे से बढ़कर हो सकती है।
रेस्क्यू ऑपरेशन जारी
घटना की सूचना मिलते ही स्थानीय पुलिस, पीएसी और एसडीआरएफ की टीमों ने मौके पर पहुंचकर रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू कर दिया। मोटर बोट और गोताखोरों की मदद से गंगा में आदित्यवर्धन की तलाश की जा रही है। लेकिन देर शाम तक कोई सुराग नहीं मिला। इस हादसे ने परिवार और दोस्तों को गहरे सदमे में डाल दिया है, और वे लगातार किसी चमत्कार की उम्मीद में हैं।
परिवार में शोक की लहर
आदित्यवर्धन के परिवार पर यह घटना वज्रपात की तरह आई है। उनकी पत्नी श्रेया, जो महाराष्ट्र के अकोला जिले में न्यायाधीश के पद पर तैनात हैं, घटना की सूचना मिलते ही कानपुर के लिए रवाना हो गईं। उनकी बेटी प्रज्ञा ऑस्ट्रेलिया में इंजीनियर हैं और माता-पिता भी वहीं उनके पास रहते हैं। सभी को इस दुखद घटना की सूचना दे दी गई है, और परिवार में शोक की लहर है।
आदित्यवर्धन के चचेरे भाई
आदित्यवर्धन के चाचा शिवकुमार ने बताया कि उनके चचेरे भाई अनुपम सिंह, जो बिहार कैडर के आईएएस अधिकारी हैं, बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के सचिव के पद पर कार्यरत हैं। घटना की सूचना मिलते ही अनुपम सिंह गांव पहुंचे और परिवार के सदस्यों से मुलाकात की। क्षेत्रीय विधायक श्रीकांत कटियार भी घटना की जानकारी मिलने पर घाट पहुंचे और परिवार को सांत्वना दी।