KNEWS DESK – कानपुर में वायुसेना स्टेशन चकेरी स्थित एक बेस रिपेयर डिपो के प्लेटिनम जुबली समारोह का आयोजन शुक्रवार यानि आज किया गया। इसमें वायु सेना के योद्धाओं ने आसमान से लेकर जमीन तक हैरतअंगेज कारनामों का प्रदर्शन करके लोगों को रोमांचित कर दिया। आकाश गंगा की टीम के सदस्यों ने नौ हजार किलोमीटर की ऊंचाई से 120 मील की रफ्तार के साथ छलांग लगाई।
समारोह की शुरूआत
समारोह की शुरूआत एयर मार्शल विभास पांडे (एयर ऑफिसर कमाडिंग इन चीफ अनुरक्षण कमान) एयरफोर्स स्टेशन के एयर कमोडोर एमके प्रवीण और एक बीआरडी के कमान अधिकारी ग्रुप कैप्टन दीपक नामदेव ने की। सबसे पहले आकाश गंगा टीम के सदस्यों ने स्काई डाइविंग का प्रदर्शन किया।
तिरंगा बनाते हुए पैराशूट से आए
विभिन्न उपलब्धियों को समझाया
इसके बाद आईआईटी के एयरोस्पेस इंजीनियरिंग विभाग के वरिष्ठ वैज्ञानिक प्रोफेसर अभिषेक और प्रोफेसर केतन की देखरेख में छात्रों की ओर से तैयार ड्रोन का प्रदर्शन हुआ। सबसे पहले हेलीकाप्टर ड्रोन विभ्रम ने फ्लैग के साथ आसमान में उड़कर मुख्य अतिथि से अनुमति ली। ड्रोन ने अपनी विभिन्न उपलब्धियों को भी समझाया। इसके बाद स्वाम ड्रोन ने सभी को रोमांचित कर दिया। एक साथ नौ ड्रोन आसमान में उड़े, जिसमें एक ड्रोन लीडर था।
विजय निशान के साथ भरी उड़ान
ड्रोन लीडर के निर्देशों का पालन अन्य आठ ड्रोन कर रहे थे। फिर, एयर वारियर राइफल ड्रिल का प्रदर्शन हुआ। जिसमें राइफल से की जा रही कलाबाजियों ने न सिर्फ रोमांचित किया बल्कि लोगों को तालियां बजाने पर मजबूर कर दिया। अंत में तीन एएन-32 विमान ने एक साथ आसमान में विजय निशान के साथ उड़ान भरी। कार्यक्रम में मुख्य अतिथि विभास पांडे ने एक विशेष दिवस कवर, काफी टेबल बुक का विमोचन किया।
रेजिमेंटल दुकानों का शुभारंभ
इससे पहले एयर मार्शल ने डिपो के सभी कार्यालयों का भी निरीक्षण किया। विभिन्न विमानों की उत्कृष्ट सर्विसिंग के लिए वायु योद्धाओं की प्रशंसा की। वहीं, कार्यक्रम के बाद वायु सेना परिवार कल्याण संघ (क्षेत्रीय) की अध्यक्ष रुचिरा पांडे और अफवा (स्थानीय) की अध्यक्ष मेघा प्रवीण ने विभिन्न उपक्रमों के विभिन्न कार्यक्रमों में शिरकत की। आशा किरण, उम्मीद विद्या किरण और बचपन स्कूल के कार्यक्रम के साथ स्केटिंग एयरफोर्स स्कूल में रिंक और अफवा कॉम्प्लेक्स में रेजिमेंटल दुकानों का शुभारंभ किया।
एंटी ड्रोन के हो रहे ट्रायल
एक बीआरडी के प्लैटिनम जुबली कार्यक्रम में बतौर मुख्य अतिथि शामिल हुए एयर मार्शल विभास पांडे एयर ऑफिसर कमांडिंग-इन-चीफ, अनुरक्षण कमान ने पत्रकारों से बातचीत में कहा कि भारतीय वायुसेना ड्रोन का इस्तेमाल तो कर रही है। ड्रोन के इस्तेमाल के खिलाफ भी खुद को तैयार किया जा रहा है। ड्रोन हमले से बचाव के लिए एंटीड्रोन का ट्रायल चल रहा है। उन्होंने कहा कि जब भी कोई विमान किसी दूसरे से खरीदा जाता है, तो इसमें उसके मेंटीनेंस वर्क काम का भी समझौता होता है। समझौते के तहत उनका मेंटीनेंस होता है।