शिव शंकर सविता- कानपुर के कलक्टरगंज थाना क्षेत्र स्थित काहूकोठी इलाके में मंगलवार देर रात एक बड़ा हादसा टल गया। एक चार मंजिला इमारत की पहली मंजिल पर बने स्टोर रूम में शॉर्ट सर्किट से अचानक आग भड़क उठी। देखते ही देखते आग ने उग्र रूप धारण कर लिया और लपटें दूसरी मंजिल तक पहुंच गईं। नीचे से उठते घने धुएं ने पूरे परिसर को अपनी चपेट में ले लिया, जिसके कारण इमारत की तीसरी और चौथी मंजिल पर फंसे दो परिवारों के 10 लोग और होटल में मौजूद लगभग 20 मेहमान भय और अफरा-तफरी में घिर गए। काहूकोठी की यह इमारत बेहद संकरी गली में स्थित है, जहां ग्राउंड फ्लोर पर 10 दुकानें और पहली-दूसरी मंजिल पर कबाड़ और स्टोर बनाए गए हैं। तीसरी मंजिल पर ‘सारिका होटल’ संचालित होता है, जहां आग लगने के समय कई लोग रुके हुए थे। स्थानीय लोगों ने बताया कि आग फैलते ही घबराए हुए दो व्यक्तियों ने खिड़की से नीचे कूदकर जान बचाने की कोशिश की, लेकिन होटल स्टाफ ने उन्हें पकड़कर नीचे गिरने से रोक लिया। मौके की तस्वीरें और चश्मदीदों के बयान इस बात की पुष्टि करते हैं कि यदि कर्मचारी समय रहते सक्रिय न होते तो बड़ा हादसा हो सकता था।
सूचना पर पहुंची दमकल की चार गाड़ियां, संभाला मोर्चा
आग लगने की सूचना मिलते ही पुलिस और दमकल विभाग की चार गाड़ियां घटनास्थल पर पहुंचीं। बेहद संकरी गली और भीड़भाड़ वाले बाजार के कारण दमकल कर्मियों को आग तक पहुंचने में काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ा। इसके बावजूद पुलिस और फायर टीम ने तेजी दिखाते हुए सबसे पहले फंसे हुए लोगों को चौथी मंजिल पर सुरक्षित स्थान पर भेजा, फिर आग पर काबू पाने की कोशिशें तेज कीं। लगभग एक घंटे की मशक्कत के बाद आग को नियंत्रित कर लिया गया और सभी लोगों को सुरक्षित बाहर निकाल लिया गया।
होटल में आग बुझाने के नहीं थे कोई इंतजाम
हैरानी की बात यह है कि होटल में आग बुझाने के पुख्ता और आवश्यक इंतजाम नहीं थे। जांच के दौरान यह भी सामने आया कि स्टोर रूम के पास छह एलपीजी सिलेंडर रखे हुए थे। यदि आग थोड़ी देर और बढ़ती या सिलेंडर इसकी चपेट में आ जाते, तो स्थिति भयावह रूप ले सकती थी। विशेषज्ञों का कहना है कि पुराने बाजारों में बने होटलों और स्टोरों में सुरक्षा मानकों की भारी कमी है, जो आए दिन दुर्घटनाओं की वजह बनती है।