रिपोर्ट: मोसिन खान
गोंडा: जिले के सरकारी अस्पताल का यह हाल है कि यहां एक भी फिजिशियन, हृदय रोग, आंख के डॉक्टर, रेडियोलॉजिस्टिक्स की तैनाती पिछले कई महीनों से नहीं हो पाई है आलम ये है कि 4 बजे के बाद जिले का सबसे बड़ा अस्पताल महिला अस्पताल के ओटी मे ताले लग जाते है,दोपहर एक बजे के बाद अल्ट्रासाउंड कक्ष भी हो जाते हैं बंद,
उत्तर प्रदेश के गोंडा से स्वास्थ महकमें की लाचार तस्वीर निकल कर आ रहीं है जहा राम भरोसे पिछले कुछ महीनों से सरकारी स्वास्थ्य महकमा चल रहा है, स्वास्थ्य विभाग में जिस तरीके से डॉक्टर ना होने की वजह से हर दिन सैकड़ों मरीजों को खासा दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है, जिले में जिम्मेदार हुक्मरान कान मे तेल डालकर सो रहे है, 4:00 बजे के बाद महिला अस्पताल के ओटी से लेकर जिला अस्पताल के ओटी में ताले लटक जाते हैं, 4:00 बजे के बाद
अगर कोई इमरजेंसी के मामले आते हो तो उसे इलाज नहीं मिल सकता निराशा के साथ सरकारी स्वास्थ्य विभाग से मायूस होकर वापस जाना होता है,
‘प्राइवेट अस्पताल का लेना पड़ता है सहारा’
ऐसे में मरीज या तो निजी अस्पताल का सहारा ले रहे है या तो पड़ोसी जिला बहराइच, बलरामपुर या अयोध्या जाने को मजबूर है, ऐसे मे वो गरीब परिवार जिसका सहारा सरकारी अस्पताल हो अगर उसे इलाज नहीं मिले तो वो कहा जाए इसका जवाब देने वाला कोई नहीं।
‘कई डॉक्टरों की तैनाती नहीं है’
आलम यह है कि जिले में हृदय विशेषक का एक भी डॉक्टर की तैनाती नहीं है जिले में एक भी फिजिशियन डॉक्टरों की तैनाती पिछले कुछ महीनों से नहीं हो पाई है ऐसे में पड़ोसी देश नेपाल से लेकर जिले के अलग-अलग जगहों से इलाज कराने के लिए सरकारी स्वास्थ्य विभाग आते हैं और निराशा के साथ वापस लौटने को मजबूर हैं,
स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों कहना है
स्वास्थ्य विभाग के जिम्मेदार आला अधिकारियों से सवाल पूछे गए तो उनका साफ कहना है कि पिछले कई महीनों से जिला अधिकारी के माध्यम से शासन को पत्र भेजा जा रहा है, और जल्द ही डॉक्टरों की नियुक्ति की जाएगी ऐसे मे सवाल खड़ा होता है कि पिछले कई महीनों से सरकारी स्वास्थ्य विभाग राम भरोसे चल रहा है मरीज इलाज के लिए तड़प रहे है कहीं ना कहीं जिले के जिम्मेदार अधिकारियों पर कई सवाल खड़े होते है,