डिजिटल डेस्क- बांदा शहर में केन नदी पर बने तटबंध को बचाने के लिए K NEWS INDIA पर खबर दिखाने के बाद जिला अधिकारी बांदा जे रिभा ने तटबंध का निरीक्षण कर सिंचाई विभाग को तत्काल तटबंध की मरम्मत करने के निर्देश दिए गए थे, लेकिन इसके बाद भी सिंचाई विभाग ने मिट्टी डालकर तटबंध बचानें का प्रयास पूरे मन से नहीं किए, बल्कि तटबंध के नीचे की पीली मिट्टी डालकर लीपापोती करने का प्रयास किया जा रहा है। लेकिन यह मिट्टी एक बारिश में कहां मिलेगी कुछ पता नहीं लेकिन इसके बाद भी लगभग दो किलोमीटर का तटबंध जगह जगह टूटा हुआ है और कहीं कहीं पिचिंग के पत्थर भी उखाड़ दिए गए हैं।
बसपा सरकार में बना था तटबंध
आपको बता दें कि बसपा सरकार में मंत्री रहे नसीमुद्दीन सिद्दीकी ने बांदा शहर और केन नदी के किनारे तटबंध बनाकर पत्थर की पिचिंग कराई गई थी। जिसके बाद बांदा शहर पूरी तरह बाढ़ से सुरक्षित हो गया था, लेकिन सिंचाई विभाग की उदासीनता और मिट्टी व बालू चोरों के द्वारा तटबंध की मिट्टी खोदने से एक बार फिर तटबंध टूटने की कगार पर पहुंच गया है। जगह-जगह तटबंध टूट गया है, कहीं-कहीं पिचिंग से पत्थर तक उखाड़ दिए गए । पिछले दिनों जिला अधिकारी बांदा जे रिभा ने तटबंध का निरीक्षण कर सिंचाई विभाग को तत्काल तटबंध की मरम्मत करने का निर्देश दिया गया था, लेकिन सिंचाई विभाग के ठेकेदार द्वारा तटबंध के अंदर की ही मिट्टी खोदकर तटबंध मे डाल कर महज खानापूर्ति कर अधिकारी व ठेकेदार ने सरकारी पैसे को हजम कर गए।

तटबंध के 75 मीटर तक प्रतिबंधित है खनन
जब कि सरकारी शासनादेश की बात करें तो तटबंध के दोनों ओर 75 मीटर तक खनन प्रतिबंधित है। लेकिन इसके बाद भी सिंचाई विभाग के ठेकेदार ने सरकारी आदेश की धता बताते हुए तटबंध की मिट्टी खोदकर पैसे का बंदर-बांट कर लिया। लेकिन अभी तक महज खानापूर्ति कर सब ठीक होने का दावा सिंचाई विभाग के अधिकारियों व ठेकेदार द्वारा लगातार किए जा रहे हैं जबकि मौके पर डालीं गई मिट्टी हल्की बारिश में ही बह गई और अभी भी तटबंध जगह जगह टूटा पड़ा है पत्थर भी गायब है।