ऐतिहासिक फैसलाः दो साल पुराने दुष्कर्म के बाद हत्या मामले में अभियुक्त को मिली फांसी की सजा

डिजिटल डेस्क- फतेहपुर में एक दिल दहला देने वाले मामले में कोर्ट ने ऐतिहासिक फैसला सुनाया है। 19 साल की युवती से दुष्कर्म के बाद उसकी नृशंस हत्या के मामले में मुख्य आरोपी अजय उर्फ शीलू को फांसी की सजा सुनाई गई है, जबकि उसके दो सहयोगियों को सात-सात साल की कठोर कैद की सजा मिली है। वारदात 30 मई 2022 को उस समय हुई थी, जब युवती कोचिंग से वापस लौट रही थी। इसी दौरान तीन युवकों ने उसे अगवा कर खैराबाद के जंगलों में उसके साथ दरिंदगी की। युवती का शव जंगल में बरामद हुआ था, और पोस्टमार्टम रिपोर्ट में उसके शरीर पर 24 चोटों के निशान पाए गए थे,मृतका कानपुर नगर के बौहारा गांव से जहानाबाद कोचिंग पढ़ने आती थी। इस जघन्य वारदात की सुनवाई न्यायिक मजिस्ट्रेट ADJ (FTC)-1 की अदालत में हुई, जहां सभी साक्ष्यों और गवाहों के आधार पर फैसला सुनाया गया, फैसला ना सिर्फ पीड़िता के परिवार के लिए न्याय की उम्मीद बना, बल्कि समाज को भी एक सख्त संदेश देता है कि बेटियों के खिलाफ अपराध करने वालों को बख्शा नहीं जाएगा।

पिता बोले- फैसले से मैं पूरी तरह संतुष्ट

बेटी के साथ हुई दरिंदगी के फैसले में फांसी की सजा के बाद पीड़ित पिता ने कहा कि  इस फैसले से वह बहुत खुश हैं। इस फैसले से उनकी बेटी की आत्मा को शांति मिली है। घटना के बाद से वह लगातार हर तारीख पर कोर्ट में हाजिर होते रहे, ताकि बेटी को इंसाफ मिल सके। कोर्ट के इस फैसले से पूरा परिवार संतुष्ट है।

युवती के शरीर में थे 24 चोटों के निशान

पीड़ित पक्ष की ओर से केस लड़ने वाले शासकीय अधिवक्ता महेन्द्र सिंह के अनुसार  पोस्टमार्टम रिपोर्ट में युवती के शरीर पर 24 गंभीर चोटों के निशान पाए गए थे। मृतका कानपुर नगर की रहने वाली थी। वह जहानाबाद में कोचिंग पढ़ने आती थी। मुख्य आरोपी अजय उर्फ शीलू ने अपने दोस्त कानपुर के बौहारा निवासी छोटू उर्फ अवनीश सोनकर पुत्र अशोक सोनकर के साथ मिलकर युवती का रेप कर हत्या की थी।

कुछ फैसले जिन्हें आज भी किया जाता है याद

दिसंबर 2019 में रामपुर जिले में 6 वर्षीय बच्ची के साथ बलात्कार और हत्या के मामले में दोषी नाजिल को फास्ट ट्रैक कोर्ट ने फांसी की सजा सुनाई। पुलिस ने आरोपी को एक मुठभेड़ के बाद गिरफ्तार किया था।

मई 2025 में अलाउद्दीन नामक व्यक्ति, जिसे पहले एक बलात्कार मामले में फांसी की सजा मिली थी, को कोर्ट से राहत मिलने के बाद फिर से एक 7 वर्षीय बच्ची के साथ दुष्कर्म करने के आरोप में गिरफ्तार किया गया। पुलिस ने उसे मुठभेड़ के बाद गिरफ्तार किया।

मार्च 2020 में दिल्ली में 2012 में हुए निर्भया गैंगरेप और हत्या के मामले में चार दोषियों को फांसी की सजा सुनाई गई थी। यह सजा 20 मार्च 2020 को तिहाड़ जेल में पूरी की गई। इस मामले ने भारत में बलात्कार के खिलाफ कानूनों को सख्त करने की दिशा में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।

NCRB के अनुसार 3,58,749 मामलों में सिर्फ 5 में मिली फांसी की सजा

राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (NCRB) की रिपोर्ट के अनुसार, 2022 तक भारत में बलात्कार के 3,58,749 मामले दर्ज हुए, लेकिन इनमें से केवल 5 मामलों में दोषियों को फांसी की सजा दी गई। यह आंकड़ा दर्शाता है कि बलात्कार के मामलों में फांसी की सजा बेहद दुर्लभ है।