दुष्कर्म मामले में फंसे एसीपी मोहसिन खान के सस्पेंशन पर हाईकोर्ट ने लगाई रोक, प्रदेश सरकार से मांगा जवाब

KNEWS DESK- आईआईटी कानपुर की पीएचडी छात्रा दुष्कर्म के मामले में फंसे सहायक पुलिस आयुक्त (एसीपी) मोहसिन खान को हाई कोर्ट की तरफ से बड़ी राहत मिली है। हाईकोर्ट की ओर से सोमवार को इस मामले में आदेश जारी करते हुए लखनऊ बेंच की ओर से जारी आदेश में निलंबित एसीपी मोहसिन के सस्पेंशन पर रोक लगा दी गई है। साथ ही सरकार से इस मामले में चार हफ्तों का समय देकर जवाब मांगा गया है। निलंबित एसीपी की ओर से अधिवक्ता एलपी मिश्रा ने पैरवी की है। वहीं, अब मामले की अगली सुनवाई 28 जुलाई को होगी।

यौन शोषण कदाचार नहीं है नियमावली में

मोहसिन खान की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता लालता प्रसाद मिश्रा ने कोर्ट में दलील दी कि शादीशुदा होने के बावजूद किसी अन्य महिला से शारीरिक संबंध बनाना उत्तर प्रदेश सरकारी सेवक आचरण नियमावली के तहत कदाचार नहीं माना गया है। उन्होंने कहा कि नियम 29 केवल दूसरी शादी को कदाचार की श्रेणी में रखता है, न कि शारीरिक संबंधों को। याचिकाकर्ता की ओर से यह भी तर्क दिया गया कि एडीजीपी ने 6 मार्च 2025 को बिना स्वतंत्र रूप से विचार किए निलंबन की संस्तुति कर दी। उनका कहना था कि महज यौन संबंध के आरोप पर निलंबन अनुचित और नियमों के विरुद्ध है। इस मामले में न्यायालय ने प्रथम दृष्टया याचिकाकर्ता की दलील से सहमति जताते हुए निलंबन पर रोक लगा दी है और मामले पर विस्तृत जवाब के लिए राज्य सरकार को चार सप्ताह का समय दिया है।

दुष्कर्म का आरोप लगा IIT की छात्रा ने दर्ज कराई थी FIR

बता दें कि मोहसिन खान पर आईआईटी कानपुर की एक छात्रा ने कल्याणपुर थाने में एफआईआर दर्ज कराई थी। छात्रा ने आरोप लगाया था कि मोहसिन खान ने शादी का झांसा देकर उसके साथ शारीरिक संबंध बनाए। इस मामले में इलाहाबाद हाईकोर्ट पहले ही आरोप पत्र दाखिल करने पर रोक लगा चुकी है।

एसीपी की पत्नी ने दर्ज कराई थी IIT छात्रा के ऊपर FIR

मोहसिन खान की पत्नी सुहैला सैफ ने आरोप लगाया कि आईआईटी छात्रा को पता था कि उनके पति मोहसिन खान शादीशुदा हैं। इसके बावजूद उसने पति से संबंध बनाए रखे। इसके अलावा घटना के समय वो गर्भवती थीं और छात्रा उनकी शादीशुदा जिंदगी बर्बाद करना चाहती थी। यहां तक कि छात्रा ने उनके पति के सरकारी आवास पर आकर धमकी भी दी थी।

मोहसिन की पत्नी की तरफ से यह आरोप भी लगाया गया कि उन्होंने कई बार पुलिस में तहरीर देकर मुकदमा दर्ज कराने का कोशिश की, लेकिन पुलिस ने मीडिया के दबाव में मुकदमा दर्ज नहीं किया। मोहसिन की पत्नी की अर्जी पर सुनवाई करते हुए एसीजेएम प्रथम की कोर्ट ने पुलिस को आदेश दिया कि आईआईटी छात्रा के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया जाए।