सिद्धार्थ द्विवेदी- यूपी के हमीरपुर जिले से बीते शनिवार को मानवता को शर्मसार करने वाला एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ था, जिसमें मरम्मत कारणों के चलते पुल बंद होने के कारण एक लाचार बेटा अपनी मां के शव को स्ट्रेचर पर रखकर एम्बुलेंस कर्मी की मदद पैदल पुल पार करते हुए नजर आया था। साथ ही उसी दिन सदर विधायक मनोज प्रजापति की कार का पुल से गुजरने का भी वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ था। जिसके बाद लोग दोनों मामलों को जोड़कर आम आदमी और वीआईपी पर्सन के लिए अलग नियम कानून होने का हवाला देते हुए व्यवस्थाओं पर सवाल खड़े कर रहे थे, वहीं देखते ही देखते मामले में राजनीति गरमाने लगी और एक के बाद एक पार्टियों ने अपने ट्वीटर हैंडल से मामले को शर्मनाक बताते हुए पोस्ट करना शुरू कर दिया। समाजवादी पार्टी ने अपने ट्विटर हैंडल से भाजपा सरकार पर निशाना साधा तो वहीं कांग्रेस ने भी ट्वीट कर भाजपा सरकार को कटघरे में खड़ा कर दिया, जिसके बाद आज अखिलेश यादव समाजवादी पार्टी अध्यक्ष ने अपने पर्सनल ट्विटर हैंडल अकाउंट से घटना की एक फोटो शेयर करते हुए घटना को शर्मनाक बताया।

पूरा मामला हमीरपुर जिला मुख्यालय के यमुना पुल का है, जहाँ सुमेरपुर क्षेत्र के टेढ़ा गांव निवासी बिंदा यादव की मां का एक सड़क दुर्घटना में पैर फैक्चर हो गया था। जिसके बाद उन्हें बेहतर इलाज के लिए कानपुर भेजा गया था, जहां इलाज के दौरान उनकी मां की मौत हो गई थी। मां की मौत के बाद बेटा बिंदा एंबुलेंस की मदद से अपनी मां के शव को वापस अपने गांव के जाने के लिए निकला। रास्ते में हमीरपुर पहुँचने से पहले यमुना पुल पर चल रहे मरम्मत कार्य की वजह से उसे गाड़ी सहित रोक दिया गया। जिसपर वह ड्यूटी में लगे अधिकारियों से अपनी माँ के शव वाहन को पुल से गुजरने की अनुमति मांगी, लेकिन पुल की मरम्मत कार्य शुरू होने का हवाला देकर उसे मना कर दिया गया। अंत में लाचार होकर एम्बुलेंस के स्ट्रेचर में अपनी माँ के शव को लेकर पैदल ही पुल पार करता है और पुल में कई जगह माँ के शव को रखते हुए पुल पार कर अन्य साधन की मदद से घर के लिए निकल जाता है। इस घटना को वहां मौजूद कोई शख्स इस पूरी घटना का वीडियो बनाकर सोशल मीडिया पर वायरल कर दिया। लेकिन मामले में घमासान तब मचता है जब सदर विधायक डॉ मनोज प्रजापति की गाड़ी का पुल से गुजरते हुए एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो जाता है, जिसमें सदर विधायक की गाड़ी यमुना पुल पार करती हुई नजर आती है। इस वीडियो में दावा किया गया कि सदर विधायक की गाड़ी पुल बंद होने के बाद वीआईपी एंट्री की तरह सदर विधायक के लिए पुल खुलवाया गया और उनकी गाड़ी को जाने दिया गया जिसके बाद दोनों ही बातों को लेकर राजनीतिक गलियारों में हलचल मच जाती है।

सदर विधायक डॉ मनोज प्रजापति बताया कि
वीडियो वायरल होने के बाद सदर विधायक डॉ मनोज प्रजापति ने बयान जारी करते हुए बताया कि उनके भाई की तबियत खराब थी, जिसे कानपुर रेफर किया गया था और जब वे यमुना पुल पहुंचे तो उस दौरान यमुना में मरम्मत कार्य शुरू नहीं हुआ था और पुल को बंद करने की प्रक्रिया चालू थी लेकिन पुल पूरी तरह बंद नही हुआ था इसलिए वह वहां से निकल गए। उन्होंने कोई नियम कानून नही तोड़ा और न ही किसी अधिकारी से गाड़ी निकलवाने के लिए बोला है। जो दोनों घटनाएं है वो दोनों अलग अलग समय की है, उन्हें बेवजह जोड़कर मामले को तूल दिया जा रहा है।
विधायक और बिंदा सिंह के समय परिस्थिति अलग थी- मैनेजर
मामले के हाइलाइट होने के बाद पीएनसी प्रोजेक्ट मैनेजर एम०पी० वर्मा ने बताया कि जिस दौरान विधायक डॉ मनोज प्रजापति यमुना पुल पहुंचे तब मरम्मत कार्य शुरू नहीं हुआ था और पुल की सीमाएं भी बंद नहीं की गई थी। जिस वजह से उन्हें जाने दिया गया और जब बिंदा एंबुलेंस लेकर यमुना पुल पहुंचे तो समय ज्यादा हो गया था पुल को लिफ्ट किया जा चुका था मरम्मत कार्य चल रहा था जिस वजह से एंबुलेंस को रोका गया था।
क्या बताया बिंदा यादव ने?
माँ के शव को स्ट्रेचर पर लादकर पैदल पुल पार करने वाले युवक बिंदा यादव ने बताया कि माँ की मौत के बाद वह कानपुर से एम्बुलेंस में मां का शव लिए यमुना पुल पहुंचा तो वहां उन्हें रोक दिया गया और जब उन्होंने वहां जानकारी की तो किसी ने बताया कि कुछ देर पहले कुछ गाड़ियां यमुना पुल से कानपुर की तरफ निकली है। जिसके बाद बिंदा यादव और एंबुलेंस चालक दोनों ही पैदल यमुना पुल पार कर हमीरपुर की तरफ तैनात सुरक्षाकर्मियों के पास पहुंचे और उनसे एंबुलेंस निकालने की गुहार लगाई। लेकिन उसके गिड़गिड़ाने के बाद भी उसे मना कर दिया गया। जिसके बाद मजबूरन ही बिंदा यादव को अपनी मां के शव को स्ट्रेचर पर रखकर यमुना पुल पार करना पड़ा। बिंदा यादव ने बताया कि जिस दौरान वे पुल पार कर रहे थे ना तो उन्होंने कहीं विधायक की गाड़ी देखी और न ही उन्हें इस बात की कोई जानकारी थी ।साथ आर्थिक स्थिति सही न होने और घर मे परिजनों के इंतजार करने के कारण वह समय बचाने के लिए सीधे रास्ते से अपने घर पहुंचा था।
मामले क्या हुई कार्रवाई
यमुना पुल में यातायात संचालन में लापरवाही पाये जाने में जिलाधिकारी के आदेश पर पीएनसी परियोजना प्रबन्धक एम०पी० वर्मा ने रूट पेट्रोलिंग आफीसर संतोष कुमार चौधरी के विरुद्ध की कड़ी कार्रवाई करते हुए उन्हें रूट पेट्रोलिंग से हटा कर क्षेत्रीय कार्यालय लखनऊ में सम्बद्ध कर दिया है।