रिपोर्ट : शैलेन्द्र कुमार
बस्ती : यूपी की सियासत का बड़ा चेहरा माने जाने वाले राज किशोर सिंह और उनके भाई बृजकिशोर सिंह को बसपा सुप्रीमो मायावती ने पार्टी से निष्कासित कर दिया जिसके बाद एक बार फिर से राज किशोर सिंह के सियासी करियर को लेकर तमाम कयास लगाए जाने लगे है। चर्चा है कि बसपा सपा और कांग्रेस जैसे दलों में रहकर अपनी राजनीति का लोहा मनवाने वाले राज किशोर सिंह अब बीजेपी का दामन थाम सकते हैं। गौरतलब है कि बसपा सुप्रीमो मायावती ने महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के साथ जब पूर्व मंत्री रहे राज किशोर सिंह के भाई बृज किशोर सिंह को देखा तो उनका पारा हाई हो गया और उन्होंने आनन-फानन में दोनों पूर्व मंत्री भाइयों को पार्टी से बाहर का रास्ता दिखा दिया।
पूर्व मंत्री ने कहा कि ‘बसपा डूबती नाव है’
मीडिया से बातचीत करते हुए उत्तर प्रदेश में तीन तीन बार कैबिनेट मिनिस्टर रह चुके राजकिशोर सिंह ने कहा कि बसपा डूबती नाव है, इसलिए अच्छा यही होगा कि समय रहते ऐसे नाव से उतर जाना बेहतर होगा। पूर्वांचल में राजकिशोर सिंह का अपना एक बड़ा जनाधार है और वे जिस भी दल में रहते है उनके साथ हुजूम चलता है, कहा कि बसपा से निकाले जाने के बाद अब वे अपने कार्यकर्ताओं से बात करेंगे और उसके बाद ही कोई निर्णय लेंगे। बसपा सुप्रीमो मायावती ने पूर्वांचल के दो बड़े नेताओं राजकिशोर सिंह और बृजकिशोर सिंह को पार्टी से निष्कासित कर दिया है. दरअसल इन दोनों नेताओं को महाराष्ट्र के सीएम एकनाथ शिंदे के करीबी होने का खामियाजा भुगतना पड़ा है. ये दोनों नेता एकनाथ शिंदे के कार्यक्रम में उनके साए की तरह देखे गए थे. मायावती को उनकी अपने प्रतिद्वंदी से करीबी रास नहीं आई और उन्होंने दोनों को पार्टी से बाहर का रास्ता दिखा दिया. बता दें कि रविवार को महाराष्ट्र सीएम एकनाथ शिंदे अयोध्या आये थे. इन दोनों नेताओं ने अयोध्या में एकनाथ शिंदे से मुलाकात की, जिसका इन्हें खामियाजा भुगतना पड़ा.
जिला अध्यक्ष ने चिट्ठी भी जारी की
पार्टी अध्यक्ष मायावती के निर्देश पर इन्हें बाहर का रास्ता दिखाया गया. दोनों ही नेता बस्ती जिले से आते हैं. बसपा जिला अध्यक्ष जयहिंद गौतम ने इस बाबत एक चिट्ठी भी जारी की है. जिसमें बताया गया है कि पार्टी अध्यक्ष के निर्देश पर पूर्व कैबिनेट मंत्री राजकिशोर सिंह और उनके भाई व पूर्व राज्य मंत्री बृजकिशोर सिंह को पार्टी से बाहर किया गया है. उन्होंने चिट्ठी में कहा कि दोनों को पार्टी विरोधी गतिविधियों में लिप्त पाए जाने पर पार्टी से निष्कासित किया गया.
राजनीतिक गलियारों में चर्चा का विषय
गौरतलब है कि राजकिशोर सिंह सपा सरकार में मंत्री रह चुके हैं. साथ ही राजकिशोर और बृजकिशोर दोनों सगे भाई भी हैं. इसके अलावा राजकिशोर यूपी की राजनीति में बड़ा चेहरा माने जाते हैं. बसपा से निष्कासन के बाद दोनों के बीजेपी से नजदीकियों को लेकर चर्चाओं का बाजार गर्म है, माना जा रहा है कि दोनों जल्द ही बीजेपी में शामिल हो सकते हैं. बता दें कि यूपी में निकाय चुनाव की तारीखों के एलान के साथ ही इन दोनों बड़े नेताओं पर बसपा का एक्शन बस्ती के राजनीतिक गलियारों में चर्चा का विषय बना हुआ है।