KNEWS DESK- सपा प्रमुख स्वामी प्रसाद मौर्य पिछले कुछ समय से लगातार अपने सनातन सनातन धर्म पर दिए विवादित बयान को लेकर चर्चा में बने रहते हैं| अब इस मुद्दे पर वाराणसी में ज्ञानवापी मुक्ति महापरिषद ने पलटवार किया है| महापरिषद के कार्यकर्ताओं ने स्वामी प्रसाद के लिए एक बुर्का भेजते हुए कहा कि मौर्य इसे पहने ताकि उनकी असली पहचान सामने आ सके|
ज्ञानवापी मुक्ति महापरिषद के संयोजक राजा आनंद ज्योति सिंह ने स्वामी प्रसाद मौर्य पर तंज कसते हुए कहा कि वो देश में विभाजनकारी राजनीति कर रहे हैं, जो सही नहीं है| मौर्य सिर्फ अपने राजनीतिक स्वार्थ के लिए ही बीजेपी के साथ जुड़े थे और इसके बाद उन्होंने बीजेपी को छोड़ दिया है| उनका बीजेपी के साथ आना और बीजेपी को छोड़ना राजनीतिक स्वार्थ के चलते हुआ| जब वो बीजेपी में थे तो जय श्री राम के नारे लगाते थे और अब सनातन विरोधी बयान दे रहे हैं|
ज्योति सिंह ने कहा, हमने स्वामी प्रसाद मौर्य को उनके सनातन विरोधी बयानों से तंग आकर बुर्का भेज दिया है ताकि वो बुर्का पहनकर हिन्दू समाज के सामने आएं और उनकी असली पहचान लोगों के सामने आ सके| जब तक वो बीजेपी के साथ रहे तो जय श्रीराम के नारे लगाते थे और अब गोस्वामी तुलसीदास की रामचरित मानस, भगवान राम और हिंदू समाज को गाली दे रहे हैं| हमने पहले उनके बयानों को राजनीतिक मानते हुए नजर अंदाज किया लेकिन वो लगातार अपनी जुबान से जहर उगलकर हिन्दू समाज का अपमान कर रहे हैं|
आपको बता दें कि स्वामी प्रसाद मौर्य लगातार अपने हिन्दू विरोधी बयानों को लेकर चर्चा में बने हुए हैं| पहले उन्होंने रामचरित मानस पर सवाल उठाए, फिर कई साधु संतों को लेकर आपत्तिजनक टिप्पणी की| इतना ही नहीं उन्होंने उदयनिधि स्टालिन के बयान का सहयोग किया और हिन्दू धर्म पर भी विवादित बयान दिया|