राजेश शुक्ल- अवैध अस्पताल में दो नवजात शिशुओं की मौत के मामले में गोंडा की मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. रश्मि वर्मा का शर्मनाक बयान सामने आया है। पत्रकारों के सवाल पर उन्होंने कहा कि एक बच्चा मर गया तो उसके लिए सब लोग आ गए, हजारों बच्चे जिंदा हैं, लड्डू खाने जाइए।” यह बयान अब सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है और सीएमओ की कार्यशैली पर गंभीर सवाल खड़े हो गए हैं।
इलाज के दौरान हो गई थी दो बच्चों की मौत
दरअसल, मामला गोंडा नगर कोतवाली क्षेत्र का है। यहां भाजपा कार्यालय के पास बिना पंजीकरण संचालित हो रहे एसवीएस प्राइवेट नर्सिंग होम में भर्ती दो नवजात बच्चों की इलाज के दौरान मौत हो गई थी। बड़गांव के सतईपुरवा निवासी मोहित कुमार की पत्नी मनीषा ने 5 सितंबर को जिला महिला अस्पताल में बच्चे को जन्म दिया था। बच्चे की हालत बिगड़ने पर उसे इस नर्सिंग होम में भर्ती कराया गया, जहां 11 सितंबर को उसकी मौत हो गई। परिवार का आरोप है कि अस्पताल प्रबंधन ने इलाज के नाम पर एक साधारण पर्ची पर 54,482 रुपये का बिल थमा दिया।
घटना के बाद सीएमओ ने सील कराया था वार्ड
इसी तरह कटरा बाजार के कोटिया मदारा निवासी विनय सिंह की पत्नी किरण सिंह के नवजात को भी 10 सितंबर को इसी अस्पताल में भर्ती कराया गया था। 11 सितंबर की शाम उसका भी निधन हो गया। घटना के बाद सीएमओ ने जांच टीम भेजकर अस्पताल का NICU वार्ड सील कराया था।
बयान पर उठ रहे हैं सवाल
लेकिन अब सीएमओ डॉ. रश्मि वर्मा का यह गैरजिम्मेदाराना बयान चर्चा का विषय बन गया है। स्थानीय लोग सोशल मीडिया पर वीडियो वायरल कर कड़ी कार्रवाई की मांग कर रहे हैं। सवाल यह उठ रहा है कि जब अवैध अस्पतालों में लापरवाही से मासूमों की जान जा रही है, तो जिले की शीर्ष स्वास्थ्य अधिकारी इस तरह की असंवेदनशील टिप्पणी कैसे कर सकती हैं। फिलहाल, गोंडा में यह मामला राजनीतिक और सामाजिक बहस का विषय बन गया है और स्वास्थ्य विभाग की कार्यप्रणाली पर गंभीर सवाल खड़े हो रहे हैं।