डिजिटल डेस्क- जनपद इटावा के थाना बकेवर क्षेत्र के अंतर्गत ग्राम दंदारपुर में श्रीमद् भागवत कथा का आयोजन किया गया था। इस कार्यक्रम में कथा व्यास दो युवक आए थे, जिन्होंने अपने आप को अग्निहोत्री ब्राह्मण बनाकर पेश किया, लेकिन स्थानीय लोगों के पहचान पर वह यादव जाति के निकले तो गांव के ही कुछ अराजक तत्वों ने उनकी चोटी काटी और उनकी पिटाई कर दी। जिसके बाद आयोजकों ने काफी मान-मनौव्वल किया लेकिन वह माने। इस पर यादव समाज आक्रोशित होकर कार्रवाई की मांग की तो पुलिस ने एफआईआर दर्ज करके चार युवकों को गिरफ्तार कर लिया। वहीं गांव के लोगों ने बातचीत करते हुए कहा कि यहां पर पहचान छुपा कर आए लोगों के साथ अराजक तत्वों ने घटना को अंजाम दिया है, जो की निंदनीय है। उनके खिलाफ कार्रवाई होनी चाहिए। वहीं दूसरी ओर कथावाचकों ने भी अपनी पहचान छुपाई, उन्होंने लोगों को धोखा दिया, उनके खिलाफ भी कार्रवाई होनी चाहिए। घटना के बाद गांव में एक डर का माहौल व्याप्त हो गया है। भागवत कथा का पंडाल लगा हुआ है लेकिन कथा विराम है कोई भी कथावाचक यहां नहीं आ रहा है।
फर्जी आधार कार्ड दिखाए
हनुमान मंदिर पर कथा करवाने वाले आयोजक पाठक बाबा ने इन कथा वाचकों को बुलाया था उनका आरोप है कि इन कथा वाचक ने अपने आप को ब्राह्मण बात कर कहा था और ब्राह्मण बनकर ही सभी जगह कथा कह रहे थे लेकिन हमसे भी उन्होंने अग्निहोत्री ब्राह्मण कहकर वह आए और फर्जी आधार कार्ड दिखाए उनके खिलाफ भी कार्रवाई होनी चाहिए। कथा परीक्षित बने जयप्रकाश तिवारी ने कहा कि हमको परीक्षित बनाया गया था, हमने तो उनके पैर भी पूजे थे। हमारे घर में पत्नी ने भी उनका बड़ा सम्मान किया। सभी लोगों ने सम्मान किया, लेकिन हम सभी को पहले से ही ब्राह्मण बताया गया था। बाद में गांव वालों ने पता कर लिया कि वह यादव समाज के हैं तो वह धोखा हुआ इससे कुछ गांव के लड़के आक्रोशित हो गए और उन्होंने चोटी काटने का काम कर दिया।
अब कोई नहीं आ रहा है कथा करने
उन्होंने आगे बताया कि हम लोगों ने बहुत मना किया था लेकिन फिर भी नहीं माने, उन्होंने पूरी कथा बिगाड़ दी है। अब कथा कहने वाला कोई नहीं आ रहा है। मेरी मांग है की लड़कों के खिलाफ तो कार्रवाई हो रही है कथा वाचकों के खिलाफ भी फर्जी आधार कार्ड बनाकर धोखा देने की भी कार्रवाई होनी चाहिए। डर का माहौल बन गया है भागवत कथा नहीं हो पा रही है अब कोई कथा कहने नहीं आ रहा है। गांव के ही आयोजन में सम्मिलित नरेंद्र तिवारी ने भी बताया कि पहचान छुपाना गलत था धोखे से आना और अपने आप को अग्निहोत्री और तिवारी बताकर उन्होंने धोखा दिया। फिर जब उनकी असली पहचान हो गई तो गांव वालों ने जो काम किया वह गलत है उनको सजा मिलनी चाहिए, लेकिन उन कथा वाचक के खिलाफ भी कार्रवाई होनी चाहिए क्योंकि उन्होंने जिस तरह से धोखा देने के बाद यह काम किया और फिर उसके बाद इसकी राजनीतिकरण हुआ है।
अखिलेश यादव ने दी चेतावनी
सोशल मीडिया प्लेटफार्म एक्स पर पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने लिखा कि इटावा के बकेवर इलाके के दान्दरपुर गांव में भागवत कथा के दौरान कथावाचक और उनके सहायकों की जाति पूछने पर पीडीए की एक जाति बताने पर, कुछ वर्चस्ववादी और प्रभुत्ववादी लोगों ने साथ अभद्र व्यवहार करते हुए उनके बाल कटवाए, नाक रगड़वाई और इलाके की शुद्धि कराई। हमारा संविधान जातिगत भेदभाव की अनुमति नहीं देता है, ये व्यक्ति की गरिमा और प्रतिष्ठा से जीवन जीने के मौलिक अधिकार के विरुध्द किया गया अपराध है। सभी आरोपियों की तत्काल गिरफ़्तारी हो और यथोचित धाराओं में मुक़दमा दर्ज़ किया जाए। अगर आगामी 3 दिनों में कड़ी कार्रवाई नही हुई तो हम ‘पीडीए के मान-सम्मान की रक्षा’ के एक बड़े आंदोलन का आह्वान कर देंगे। पीडीए के मान से बढ़कर कुछ नहीं!