कूटरचित दस्तावेजों से फसल बीमा घोटाला: महोबा में वन विभाग की जमीन पर कराया गया फर्जी क्लेम, मुकदमा दर्ज

अनुराग पचौरी- उत्तर प्रदेश के महोबा जिले में प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना में बड़े पैमाने पर फर्जीवाड़े का मामला सामने आया है। जांच में खुलासा हुआ है कि जालसाजों ने वन विभाग की करीब 100 बीघा जमीन को अपनी बताकर उस पर फसल बीमा करा लिया। वन विभाग की शिकायत पर अब पुलिस ने मुकदमा दर्ज कर लिया है। जिलाधिकारी गजल भारद्वाज द्वारा गठित टीम की जांच में यह घोटाला उजागर हुआ। जांच में पाया गया कि पनवाड़ी और अजनर वन रेंज की भूमि पर जालसाजों ने कूटरचित दस्तावेज तैयार कर बीमा कराने की कोशिश की।

जंगल की जमीन को बताया अपनी जमीन, किया आवेदन

अजनर वन रेंज के थुरट गांव के गाटा संख्या 518 की 3.152 हेक्टेयर भूमि को गांव निवासी प्रदीप कुमार ने अपनी बताकर फसल बीमा कराने का प्रयास किया। वहीं, जैतपुर बीट की वन भूमि गाटा संख्या 157, 158, 160 घ और 174 ख को देवकरण, अनिल राजपूत और कमलेश ने अपनी संपत्ति बताकर बीमा कराया। इन सभी आरोपियों के खिलाफ वन विभाग की तहरीर पर कुलपहाड़ कोतवाली में मुकदमा दर्ज कर लिया गया है।

जांच करने पर खुली पोल

प्रभागीय वनाधिकारी नरेंद्र सिंह ने बताया कि जिलाधिकारी के निर्देश पर जांच की गई, जिसमें पाया गया कि वन विभाग की जमीन पर फर्जी तरीके से फसल बीमा कराया गया है। हालांकि जमीन पूरी तरह सुरक्षित है और उस पर कोई खेती नहीं की गई है। जिले में फसल बीमा योजना से जुड़े अब तक के सबसे बड़े घोटाले की परतें खुल रही हैं। अधिकारियों का मानना है कि इस फर्जीवाड़े में और भी नाम सामने आ सकते हैं। प्रशासन का कहना है कि इस तरह की हरकतें न केवल किसानों के हक पर डाका डालती हैं, बल्कि उन्हें आत्महत्या जैसे कदम उठाने के लिए भी मजबूर करती हैं।