चंडीगढ़ यूनिवर्सिटी में शुरू हुआ देश का सबसे बड़ा एजेंटिक एआई हैकथॉन “हैक विथ उत्तर प्रदेश”, 20000 से अधिक युवा इनोवेटर्स शामिल

डिजिटल डेस्क- भारत की पहली निजी एआई यूनिवर्सिटी चंडीगढ़ यूनिवर्सिटी उत्तर प्रदेश ने इनोवेशन और टेक्नोलॉजी की दिशा में एक ऐतिहासिक कदम उठाते हुए देश का सबसे बड़ा दो दिवसीय एजेंटिक एआई फाउंडर्स हैकथॉन हैक विथ उत्तर प्रदेश शुरू किया है। 1 और 2 नवंबर तक चलने वाले इस मेगा इवेंट में देशभर के 20,000 से अधिक युवा इनोवेटर्स अपनी तकनीकी प्रतिभा का प्रदर्शन कर रहे हैं। बताते चलें कि यह आयोजन भारत सरकार के इंडिया एआई इम्पैक्ट सम्मेलन 2026 के पूर्व आयोजन स्वरूप आयोजित किया जा रहा है। उल्लेखनीय है कि फरवरी 2025 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पेरिस एआई एक्शन समिट की सह-अध्यक्षता की थी, जिसके बाद भारत ने दुनिया को आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के क्षेत्र में अपनी गंभीर प्रतिबद्धता और नेतृत्व का संदेश दिया था।

कई प्रतिष्ठित वैश्विक संस्थान दे रहे हैं मार्गदर्शन

हैकथॉन में गूगल, माइक्रोसॉफ्ट, मेटा, आईबीएम, जेमिनी और परप्लेक्सिटी जैसे प्रतिष्ठित वैश्विक संस्थान कोलैबोरेटर और एक्सपर्ट गाइड के रूप में जुड़े हैं। वहीं ब्लैकबॉक्स एआई ने इस आयोजन में आधिकारिक एआई पार्टनर की भूमिका निभाई। इस प्रतियोगिता का उद्देश्य युवाओं को ऐसा मंच देना है, जहां वे अपने इनोवेशन और तकनीकी कौशल के माध्यम से समाज की वास्तविक समस्याओं के समाधान खोज सकें। प्रतियोगिता में आईआईटी, एनआईटी, आईआईआईटी सहित देशभर के 300 से अधिक कॉलेजों से 4,300 टीमों ने भाग लिया है। उत्तर प्रदेश से अकेले 10,000 से अधिक छात्र इस प्रतियोगिता में शामिल हुए हैं, जबकि बाकी प्रतिभागी देश के विभिन्न राज्यों से आए हैं। विजेता टीमों के लिए 10 लाख रुपये की पुरस्कार राशि निर्धारित की गई है।

ये इनोवेशन युवाओं की क्षमता का प्रमाण- एमडी जय इंदर संधू

चंडीगढ़ यूनिवर्सिटी उत्तर प्रदेश के मैनेजिंग डायरेक्टर जय इंदर सिंह संधू ने कहा कि यह आयोजन भारत के युवाओं की इनोवेशन क्षमता का प्रमाण है। अब भारत के युवा सिर्फ नौकरी पाने वाले नहीं, बल्कि अपने स्टार्टअप्स और विचारों से रोजगार देने वाले बन रहे हैं। यह भारत के एआई विश्वगुरु बनने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश का एआई सिटी प्रोजेक्ट 2047 तक विकसित भारत के विज़न को साकार करने में अहम भूमिका निभाएगा। यह सिर्फ एक प्रोजेक्ट नहीं बल्कि आत्मनिर्भर भारत के तकनीकी भविष्य का ब्लूप्रिंट है।