डिजिटल डेस्क- बिहार विधानसभा चुनाव के नजदीक आते ही नए- नए ऐलान सामने आने लगे हैं। बसपा सुप्रीमो और पूर्व मुख्यमंत्री मायावती ने बिहार चुनाव से पहले बिहार में अकेले चुनाव लड़ने का ऐलान किया है। सोशल मीडिया साइट एक्स पर पोस्ट करते हुए मायावती ने विगत दिनों बिहार में हुए उद्योगपति गोपाल खेमका हत्याकांड का जिक्र करते हुए नीतीश सरकार पर निशाना साधा। साथ ही मायावती ने राज्य की कानून-व्यवस्था पर गंभीर सवाल उठाते हुए चुनाव आयोग से निष्पक्ष और स्वतंत्र चुनाव सुनिश्चित कराने के लिए सख्त कदम उठाने की अपील की है।
घटनाओं का चुनाव आयोग संज्ञान लें, तभी शांतिपूर्ण चुनाव संभव होगा
सोशल मीडिया साइट एक्स पर पोस्ट करते हुए मायावती ने लिखा कि बिहार में खासकर दलितों, अति-पिछड़ों, शोषितों, गरीबों और महिलाओं के खिलाफ अन्याय, शोषण और हत्या की घटनाएं लंबे समय से चिंता का विषय रही हैं। लेकिन चुनाव से पहले भाजपा से जुड़े उद्योगपति और नेता गोपाल खेमका की राजधानी पटना में हुई हत्या ने कानून व्यवस्था की बदहाली को उजागर कर दिया है। उन्होंने कहा कि यदि चुनाव आयोग अभी से इन घटनाओं पर संज्ञान लेकर आवश्यक कार्रवाई करता है तो शांतिपूर्ण चुनाव कराना संभव होगा।
अकेले चुनाव लड़ेगी बसपा
पोस्ट में मायावती ने यह भी आरोप लगाया कि बिहार में मतदाता सूची के विशेष पुनरीक्षण के दौरान बढ़ती हिंसा यह दिखा रही है कि कुछ शक्तियां अपने स्वार्थ के लिए माहौल को अस्थिर करना चाहती हैं। बसपा सुप्रीमो ने साफ किया कि बहुजन समाज पार्टी दलितों, पिछड़ों, शोषितों, मजदूरों और वंचित वर्गों की पार्टी है, जो अपने कैडर, कार्यकर्ताओं और शुभचिंतकों के बलबूते पर चुनाव लड़ती है। उन्होंने कहा कि बसपा बिहार विधानसभा का आम चुनाव पूरी ताकत से अकेले लड़ेगी और किसी गठबंधन का हिस्सा नहीं बनेगी।
निष्पक्ष रहे चुनाव आयोग
बसपा सुप्रीमो और पूर्व मुख्यमंत्री ने चुनाव आयोग से अनुरोध किया है कि बिहार चुनाव को सरकारी मशीनरी के दुरुपयोग, धनबल, बाहुबल और अपराधबल से मुक्त रखने के लिए समय से सख्त कदम उठाए जाएं ताकि लोकतंत्र की गरिमा बनी रहे और सभी दलों को समान अवसर मिल सके। मायावती के इस बयान के बाद बिहार की सियासत में हलचल मच गई है और सभी राजनीतिक दलों की नजर अब बसपा की आगामी रणनीति और उम्मीदवारों की सूची पर टिकी है।