शिव शंकर सविता- कानपुर शहर में बढ़ती दलाली, वसूली और कारखासों की गतिविधियों पर अब पुलिस सख्त रुख अपनाने जा रही है। कमिश्नरी पुलिस शुक्रवार से ‘ऑपरेशन 500’ शुरू कर रही है, जो अगले 21 दिनों तक लगातार चलेगा। इस अभियान का लक्ष्य भ्रष्ट पुलिसकर्मियों, सरकारी कर्मचारियों, दलालों, वसूलीबाजों, ब्लैकमेलरों और अपराध में संलिप्त व्यक्तियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करना है। कमिश्नरी पुलिस के अधिकारियों ने बताया कि शहर में कारखासों, दलालों, धमकी देने वालों और झूठी FIR कराने वाले गिरोहों की शिकायतें तेजी से बढ़ रही थीं। इनमें कई मामलों में पुलिसकर्मियों की मिलीभगत की बातें भी सामने आई थीं। इसी को ध्यान में रखते हुए ‘ऑपरेशन 500’ को तैयार किया गया है। यह अभियान 500 घंटे का है और इसके लिए एक अलग स्पेशल टीम बनाई गई है। इस टीम में सोशल मीडिया पर सक्रिय निगरानी रखने वाले पुलिसकर्मी भी शामिल हैं, ताकि ऑनलाइन धमकी, ब्लैकमेलिंग और अपराध से जुड़े डिजिटल कंटेंट पर नजर रखी जा सके।
शिकायत के लिए जारी हुआ व्हाट्सऐप नंबर
जनभागीदारी को बढ़ाने और गोपनीय शिकायतें दर्ज कराने के लिए पुलिस ने एक खास व्हाट्सऐप नंबर—7839863274 जारी किया है। इस नंबर पर नागरिक विभिन्न प्रकार की शिकायतें भेज सकते हैं, जिनकी पहचान पूरी तरह गोपनीय रखी जाएगी। ऑपरेशन 500 के तहत इन श्रेणियों में शिकायतें दी जा सकती हैं—
- थानों के कारखास और दलाल
- अपराध में संलिप्त या सक्रिय अपराधी
- ब्लैकमेलिंग और झूठे मामलों में FIR कराने वाले
- फोटो/वीडियो बनाकर वसूली करने वाले
- नकली दवाओं और खाद्य वस्तुओं का व्यापार
- नशे का कारोबार और शराब तस्करी
- चोरी–लूट के माल के खरीदार
- जुआ–सट्टा संचालक
- अवैध असलहा बनाने वाले
- भूमि कब्जाना और भू–माफिया
- किसी भी तरह की वसूलीबाजी या दलाली से जुड़े लोग
पुलिस ने नागरिकों से आग्रह किया है कि शिकायतें केवल तथ्यात्मक हों और किसी निर्दोष पर द्वेषपूर्ण आरोप न लगाए जाएं।
पुलिसकर्मियों की भी होगी जवाबदेही
पुलिस कमिश्नर रघुबीर लाल ने कहा है कि ऑपरेशन 500 में केवल साफ-सुथरी छवि वाले पुलिसकर्मियों को शामिल किया गया है। हर अधिकारी को स्पष्ट जिम्मेदारी दी गई है और वे हर शिकायत पर तत्काल रिपोर्ट करेंगे। यदि किसी सरकारी अधिकारी के खिलाफ शिकायत आती है, तो उसकी भी पूरी जांच की जाएगी। पूर्व पुलिस कमिश्नर अखिल कुमार ने भी इसी तरह का अभियान चलाया था, जिसमें कई वसूलीबाजों, दलालों और यूट्यूबर ब्लैकमेलरों के खिलाफ FIR दर्ज हुई थी और कई आरोपी जेल भेजे गए थे।