बिकरू कांडः घायल पुलिसकर्मियों को इलाज के लिए सरकार की तरफ से मिली मदद को वापस करने के लिए पुलिसकर्मियों को जारी किया गया नोटिस, 15 दिन का दिया गया समय

डिजिटल डेस्क-  कानपुर का बिकरू हत्याकांड एक बार फिर चर्चा में है। हत्याकांड के दौरान घायल हुए पुलिसकर्मियों को इलाज के लिए शासन की तरफ से साढ़े छह लाख रुपए दिए गए थे। अब पांच साल बाद इन सभी को नोटिस दिया गया। इसमें लिखा है कि 15 दिनों के अंदर पूरा पैसा वापस कर दें वरना वेतन से 20 प्रतिशत की कटौती की जाएगी। पुलिस के वरिष्ठ अधिकारियों के इस फरमान के बाद से पांचों पुलिस कर्मी परेशान हैं। इन पुलिसकर्मियों ने ज्वाइंट सीपी हेडक्वाटर्स से मुलाकात की। नोटिस और अपनी समस्याओं के बारे में जानकारी दी है। ज्वाइंट सीपी की तरफ से उन्हें मदद का आश्वासन दिया है।

क्या कहा ज्वांइट कमिश्नर ऑफ पुलिस ने?

जेसीपी आशुतोष कुमार ने बताया कि जीवन रक्षा निधि एक नियम होता है जिसमें सरकार इलाज के लिये कंट्रीब्यूट करती है। इसमें तत्काल प्रभाव से मदद करने के लिए पैसा दिया जाता है। यह एक लोन की तरह होता है। जिसे बाद में वापस करना होता है। यह पुलिस हेड क्वार्टर की एक व्यवस्था होती है। पुलिसकर्मियों ने लिया गया पैसा लौटाया नहीं होगा। इसलिए उनको नोटिस दिया गया है। नियम यह कहता है कि इलाज के बाद सभी कागजात लगाने के बाद सरकार उसमें पैसे देती है पुलिस कर्मियों से कहीं कोई भूल हुई होगी इसलिए रिकवरी के लिए नोटिस दिया गया है।

जारी किया गया आदेश पत्र

क्या था बिकरू कांड?

2 जुलाई 2020 की रात गोलियों की तड़तड़ाहट से कानपुर के शिवराजपुर थानाक्षेत्र का बिकरू गांव गूंज उठा था। खुंखार अपराधी विकास दुबे को पकड़ने के लिए पुलिस दबिश देने गई थी। पुलिस का जेसीबी से रास्ता रोका गया था, विकास दुबे और उसके गुर्गे अत्याधुनिक हथियारों के साथ छतों पर छिपकर पुलिस कर्मियों पर गोलियां बरसा रहे थे। आठ पुलिस कर्मियों की बेरहमी से हत्या कर दी गई थी। बदमाश पुलिस कर्मियों के शवों को शौचालय में जलाने की फिराक में थे, लेकिन उन्हे इसका मौका नही मिल पाया था। ग्रामीण इस घटना को यादकर आज भी दहल जाते हैं। दुर्दांत अपराधी विकास दुबे ने बीते 02 जुलाई 2020 की रात अपने गुर्गों के साथ मिलकर सीओ समेत आठ पुलिस कर्मियों की हत्या कर दी थी। बिकरू कांड के बाद यूपी एसटीएफ ने विकास दुबे समेत 6 बदमाशों को एनकांउटर में मार गिराया था। बिकरू कांड के बाद पुलिस ने विकास दुबे की कोठी पर बुलडोजर चला कर खंडहर में तब्दील कर दिया था। इसके साथ ही कोठी में खड़ी दो लग्जरी कारों और ट्रैक्टर को बुलडोजर से बर्बाद कर दिया था। इस दौरान पुलिस को कोठी से बड़ी मात्रा में गोला-बारूद और असलहे भी मिले थे। पूरे गांव को छावनी में तब्दील कर दिया गया था।