बिजनौरः सिरफिरे आशिक के लाल स्याही वाले लेटर से हड़कंप, 17 साल से लापता प्रेमिका पूजा की तलाश में पूरे शहर में लगा दिए पोस्टर

शिव शंकर सविता- उत्तर प्रदेश के बिजनौर में इन दिनों एक अजीबो-गरीब मामला लोगों के बीच चर्चा का बड़ा कारण बना हुआ है। शहर के चौराहों, कॉलोनियों, सरकारी दफ्तरों और यहां तक कि कोर्ट परिसर तक लाल स्याही से लिखे कुछ रहस्यमयी पत्र चिपके मिले हैं। इन पत्रों पर एक ही नाम बार-बार लिखा दिखाई देता है — पूजा… और नीचे हस्ताक्षर — अरुण। इन पत्रों में लिखने वाले शख्स का दावा है कि वह पिछले 17 साल से पूजा को तलाश रहा है। पोस्टर में लिखा है— “कहां हो तुम पूजा? 17 साल हो गए तुम्हें ढूंढते हुए।” आश्चर्य की बात यह है कि यह पत्र सिर्फ प्रेम का इज़हार नहीं, बल्कि भड़ास से भरे हुए हैं। वह प्रेमिका के न मिलने की जिम्मेदारी जज, वकील, आईएएस, आईपीएस अफसरों और राजनीतिक नेताओं तक पर डाल रहा है। लिखता है— “ये सब होने के बाद भी मेरी पूजा नहीं मिल पा रही।”

हर सुबह जागता है शहर और झड़प जाते हैं नए लेटर
पिछले 7-8 दिनों से शहर के लगभग हर इलाके में ये पत्र हवा में उड़ते, दीवारों पर चिपके या सड़क किनारे बिखरे मिल रहे हैं। आवास विकास चौक, नुमाइश चौक, जजी चौक, गीतानगरी, कलक्ट्रेट परिसर, विकास भवन, नई बस्ती, रामलीला मैदान… कोई जगह बची नहीं, जहां अरुण का लाल स्याही वाला संदेश न पहुंचा हो। लोग सुबह-सुबह टहलने निकलते हैं और अचानक जमीन पर पड़े इन लाल अक्षरों से सामना हो जाता है। कुछ चौंक जाते हैं, कुछ हंसते हैं और कुछ हैरानी से पढ़ते रहते हैं। स्थानीय लोगों का कहना है कि अरुण नाम का यह शख्स पहले घर पर पत्र लिखता है, फिर सड़कों पर उन्हें फेंक देता है, मानो पूरी दुनिया से कह रहा हो— “मेरी पूजा को ढूंढ दो!” मामले का सबसे अनोखा पहलू यह है कि इस कहानी ने शहर में पूजा नाम की शादीशुदा महिलाओं तक को बेचैन कर दिया है। कई महिलाएं कह रही हैं कि उनके पति तक मजाक में पूछ रहे हैं— “कहीं पत्र में लिखी वही पूजा तो नहीं?”

पुलिस भी हैरान – मज़ाक, जुनून या मानसिक तनाव?
अब तक पुलिस उसकी पहचान की पुष्टि नहीं कर सकी है। लेकिन लगातार पत्र फैलाने की यह हरकत शहर के लिए एक रहस्य बन गई है। लोग सोच रहे हैं— क्या यह एकतरफा प्यार में पागल आशिक है, मानसिक तनाव से जूझ रहा युवा है या किसी किस्से-कहानी का असली ‘अरुण’?

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