बरेलीः फर्जी आधार कार्ड से खोले खाते, फिर हड़प ली 1 करोड़ 31 लाख की रकम, जालसाजों पर दर्ज हुई FIR

दीपक चतुर्वेदी- बरेली के फरीदपुर में स्थित जिला सहकारी बैंक के मैनेजर मुकेश कुमार गंगवार, गौरव गंगवार और कैशियर चंद्र प्रकाश और दीपक पांडे ने मिलकर बैंक में बड़ा फर्जी वाला कर दिया। इन चारों ने फर्जी आधार कार्ड से 547 खाता खोलकर डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर डीबीटी के लाभार्थियों की किसान सम्मान निधि पेंशन आदि समेत अनेक योजनाओं में सेंधमारी करते हुए सरकारी पैसों को चपत लगाते हुए हड़प ली है। इतना ही नहीं 92 निष्क्रिय खातों की रकम फर्जी खाते खोलकर ट्रांसफर कर निकाल ली। इस तरह 15 महीने में एक करोड़ 31 लाख रुपए का घोटाले के चारों आरोपियों पर मंगलवार को फरीदपुर थाने में प्राथमिक की दर्ज कराई गई है। सभी पर संपत्ति का अपराधिक तरीके से उपयोग गबन व धोखाधड़ी, जाली दस्तावेज बनाने की धारा में प्राथमिक दर्ज कराई गई, चारों को निलंबित भी कर दिया गया है। शाहजहांपुर के सहकारी बैंक के अधिकारी ने बरेली के मुख्य कार्यपालक अधिकारी देवेंद्र कुमार को अवगत कराया था कि एक किसान के सम्मान निधि फरीदपुर शाखा में पहुंच गई है इसे एक गलती की तरह मानते हुए वापस करने का आश्वासन दिया।

किस्त ब्रांच में पहुंचने पर हुआ शक

इसपर जी एम देवेंद्र कुमार को शक हुआ, क्योंकि डीबीटी से भेजे जाने वाली राशि तो लाभार्थी के बताएं खाते में ही पहुंचती है ऐसे में शाहजहांपुर के किसान की सम्मान निधि की किस्त फरीदपुर क्यों आएगी। इसका जवाब तलाशने के लिए उन्होंने 16 में को फरीदपुर पहुंचकर शाखा निरीक्षण किया तो 21 फर्जी खाते पकड़ में आए उन्होंने उप महाप्रबंधक (विकास) सर्वेन्द्र सिंह चौहान के निर्देशन में टीम बनाई गई तब एक बड़ा फर्जीवाड़ा सामने आया।

15 महीना के तत्कालीन मैनेजर मुकेश गौरव, प्रकाश और दीपक ने 547 फर्जी आधार कार्ड से फर्जी खाते खोले और उसके बाद कहीं से डिबिटी लाभार्थियों का ब्यौरा जुटा कर उनके आधार कार्डों के नंबरों को इन फर्जी खातों से जोड़ दिया। ऐसे में खातों में डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर के अंतर्गत किसान सम्मान निधि, पेंशन आदि की किस्त आने लगी इन खातों के सभी प्रपत्र फर्जीवाड़ा करने वाले स्टाफ के पास ही थे। इसलिए हाथों हाथ रकम निकाल ली जाती थी। इसके अलावा वर्षों से निष्क्रिय 92 खातों में पड़ी रकम भी हड़प ली गई।

92 फर्जी खाते खोल किया घोलमाल

आरोपियों ने नए 92 फर्जी खाते खोले फिर निष्क्रिय खातों के उपभोक्ता के फर्जी हस्ताक्षर कर उनमें पड़ी रकम को अपने नए 92 खातों में ट्रांसफर कर निकाल ली। मंगलवार को सरकारी बैंक के अधिकारी, एसएसपी अनुराग आर्य से मिले इसके बाद आरोपियों पर एफआईआर लिखी गई। सहकारी बैंक के जीएम देवेंद्र कुमार ने बताया कि आरोपियों ने इन खातों से एक करोड़ 31 लाख रुपए निकाल लिए हैं जिसकी रिकवरी की जाएगी। खातों में अभी 58 लाख रुपए पड़े हुए हैं जो कि आरोपित निकाल नहीं सके। इतनी बड़ी संख्या में फर्जी खाता खोलने के लिए फोटो एवं ब्यौरा कहां से जुटाया गया, फर्जी आधार कार्ड कहां से बनवाए गए, ऐसे में कई बिंदुओं पर पुलिस जांच करेगी पूरे मामले में एक बहुत बड़ा रैकेट काम करता हुआ नजर आ रहा है।