रिपोर्ट- मो0 रज़ी सिद्दीक़ी
बाराबंकी – यूपी पुलिस के एक सिपाही उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग परीक्षा में 20वीं रैंक हासिल कर एसडीएम बन गए हैं। बाराबंकी जिले के रहने वाले दीपक सिंह फिलहाल हरदोई में सिपाही के पद पर तैनात हैं। दीपक ने बताया कि उन्होंने यूट्यूब का सहारा लेकर निःशुल्क कोचिंग पढ़ाने वाले आईपीएस और एसडीएम के सहयोग से सफलता हासिल की है। दीपक ने अपनी इस सफलता का पूरा श्रेय अपने माता-पिता को दिया है। वहीं बाराबंकी आने पर परिजनों और स्थानीय लोगों ने फूल मालाओं से दीपक सिंह का स्वागत किया साथ ही गाजे-बाजे और ढोल-नगाड़ों के साथ रोड शो कर दीपक को उनके घर लेकर गए।
बचपन से ही पढ़ने-लिखने में थे होनहार
बाराबंकी जिले में रामनगर थाना क्षेत्र के सेमराय गांव के रहने वाले किसान अशोक कुमार के बेटे दीपक सिंह ने एसडीएम बनकर बाराबंकी जिले का नाम रोशन किया है। दीपक बचपन से ही पढ़ने-लिखने में होनहार थे। पिता अशोक कुमार 9वीं पास हैं और मां कृष्णा सिंह महज 5वीं पास लेकिन उनकी इच्छा थी कि उनके बच्चे खूब पढ़-लिखकर आगे बढ़ें। अशोक कुमार के दो बेटे और तीन बेटियां हैं। पिता अशोक ने कर्ज लेकर बेटे दीपक को बाराबंकी शहर पढ़ने के लिए भेजा। शहर आकर दीपक ने एक कमरा किराए पर लिया और महारानी लक्ष्मीबाई इंटर काॅलेज में छठवीं क्लास में दाखिला लिया। दीपक ने साल 2012 में 83 फीसदी अंकों से हाईस्कूल और फिर साल 2014 में 92 फीसदी अंकों के साथ इंटरमीडिएट पास किया।
तीसरे प्रयास में उन्होंने किया प्री क्वालीफाई
इंटरमीडिएट पास करने के बाद दीपक ने लखनऊ विश्वविद्यालय में बीए में दाखिला लिया। उन्होंने 2017 में 70 फीसदी अंकों के साथ उन्होंने बीए किया। घर की माली हालत अच्छी नहीं थी, लिहाजा वह नौकरी की तलाश में जुट गए। इसी दौरान पुलिस भर्ती की जगह निकली, दीपक ने आवेदन किया और मेरिट के आधार पर उनका चयन हो गया। साल 2018 में उनकी नियुक्ति हरदोई जिले में सिपाही के पद पर हो गई। लेकिन दीपक को अधिकारी बनना था, इसलिए वह ड्यूटी से जब भी कमरे पर लौटते अपनी तैयारी में जुट जाते। उन्होंने पीसीएस की तैयारी शुरू की और पहले प्रयास में प्री क्वालीफाई नहीं कर सके, लेकिन उन्होंने हिम्मत नहीं हारी और दूसरे प्रयास के लिए जुट गए। इसमें भी वह सफल नहीं हो पाए। तीसरे प्रयास में उन्होंने प्री क्वालीफाई कर लिया तो उनमें उत्साह आ गया। उनकी मेहनत का नतीजा रहा कि वह यूपीपीसीएस 2023 की परीक्षा में सफल होकर एसडीएम बने और जिले का नाम रोशन किया।
यू ट्यूब और टेलीग्राम चैनल की फ्री कोचिंग से पूरी की पढ़ाई
दीपक सिंह ने बताया कि उन्हें अपने चयन को लेकर पूरा विश्वास था। उन्होंने अपने कमरे के व्हाइट बोर्ड पर परमानेंट मार्कर से एसडीएम लिख दिया था और आखिर उन्होंने एसडीएम बनकर उसे सच कर दिखाया। दीपक सिंह का चयन 20वें स्थान पर हुआ है। उनके चयन से न केवल उनके गांव में बल्कि उनके दोस्तों में जबरदस्त खुशी है। दीपक सिंह ने बताया कि पुलिस में नौकरी के दौरान कोचिंग और पढ़ाई में बाधा रहती थी। इसलिए खाली टाइम पर मोबाइल के माध्यम से यू ट्यूब और टेलीग्राम चैनल की फ्री कोचिंग से पढ़ाई पूरी की। उन्होंने कहा कि जो युवा पीसीएस की तैयारी करना चाहते हैं, उन्हें हिम्मत नहीं हारनी चाहिए। नियमित 8 से 10 घंटे स्टडी करनी चाहिए, चयन जरूर होगा।