SHIV SHANKAR SAVITA- 14 अप्रैल को, वैशाख कृष्ण प्रतिपदा का दिन इतिहास के सुनहरे पन्नों में सुनहरे अक्षरों में दर्ज हो गया। 14 अप्रैल 2025 को अयोध्या के राम मंदिर में 161 फीट ऊंचे शिखर में 3500 किलो वजन का कलश स्थापित किया गया। कलश स्थापना विधिपूर्वक संपन्न हुआ। राम मंदिर में स्थापित कलश को लार्सन एंड टुब्रो (एल एंड टी) कंपनी के इंजीनियरों की देखरेख में टावर क्रेन से मुख्य शिखर पर स्थापित किया गया। शिखर निर्माण से जुड़े लोगों ने बताया कि शिखर का निर्माण लगभग साढ़े 6 महीने की मेहनत के बाद पूरा हुआ है।
राम मंदिर परिसर में कलश स्थापना का शुभ कार्य सुबह 9:15 बजे शुरू हुआ और 10:30 बजे शिखर पर कलश की स्थापना पूरी हुई। कलश स्थापना के बाद जल्द ही मुख्य शिखर पर ध्वजदंड की स्थापना का कार्य पूरा होगा। राम मंदिर महासचिव के अनुसार चंपत राय ने बताया कि मंदिर परिसर से अब निर्माण कार्य में लगी मशीनों को हटा लिया जाएगा। प्रथम तल पर राजा राम, परकोटे और सप्त ऋषियों के मंदिरों में मूर्तियों की प्रतिष्ठा का कार्य भी शीघ्र शुरू होगा। मंदिर परिसर में बन रहे 16 अन्य मंदिरों के शिखर पर भी कलश स्थापित किए जाएंगे। जैसे-जैसे मंदिर के शिखर बनते जाएंगे उन पर कलश की स्थापना भी की जाएगी। मंदिर का निर्माण कार्य निर्धारित समय पर आगे बढ़ रहा है, जिससे भक्तों में उत्साह है।
चार लाख घन फीट से अधिक पत्थरों का हुआ है इस्तेमाल
राम मंदिर के ट्रस्टी डॉ. अनिल मिश्र ने बताया कि अब मंदिर में पत्थरों का काम पूरा हो चुका है। मंदिर में चार लाख घन फीट से अधिक पत्थरों का इस्तेमाल हुआ है। शिखर का काम भी पूर्णता को प्राप्त कर चुका है। कुबेर टीला के पास एक जलाशय बन रहा है। इसके अलावा सप्त मंडपम के बीच में कुंड निर्मित हो चुका है। सितंबर-अक्तूबर तक परकोटा के निर्माण का काम भी पूरा हो जाने की उम्मीद है।