मोहित पांडे- कानपुर में महिलाओं की सुरक्षा को लेकर एक बड़ी पहल की गई है। कानपुर कमिश्नरेट पुलिस ने शहर के 26 प्रमुख चौराहों पर “इमरजेंसी हेल्प बटन” (Emergency Help Button) लगाए हैं, जिनकी मदद से किसी भी महिला को मोबाइल न होने, नेटवर्क न आने या फोन बंद होने की स्थिति में भी तुरंत पुलिस सहायता मिल सकेगी।
कैसे करेगा काम ‘इमरजेंसी हेल्प बटन’?
अगर किसी महिला को खतरे का अहसास होता है या कोई उसका पीछा कर रहा है, तो वह नजदीकी चौराहे पर लगे इस बटन को दबा सकती है। जैसे ही बटन दबाया जाता है, तुरंत सिग्नल पुलिस कंट्रोल रूम तक पहुंचता है और कुछ सेकंड में नजदीकी पुलिस टीम मदद के लिए मौके पर पहुंच जाती है। कंट्रोल रूम से स्थिति की लाइव मॉनिटरिंग भी की जाती है ताकि किसी भी देरी से बचा जा सके। डीसीपी मुख्यालय कासिम आबिदी ने बताया कि यह कदम महिलाओं की सुरक्षा सुनिश्चित करने की दिशा में एक अहम प्रयास है। उन्होंने कहा कि अब महिलाओं को किसी भी संकट की स्थिति में मोबाइल या नेटवर्क की चिंता करने की जरूरत नहीं है। बटन दबाते ही पुलिस आपकी मदद के लिए हाजिर होगी।”

महिलाओं ने पहल को बताया ‘सशक्तिकरण की दिशा में कदम’
कानपुर की महिलाओं ने इस पहल का स्वागत किया है। स्थानीय निवासी मधुलता ने कहा, “यह पहल बहुत सराहनीय है। कई बार मोबाइल नेटवर्क की समस्या या फोन बंद होने के कारण हम मदद नहीं मांग पाते। अब यह इमरजेंसी बटन हमें सुरक्षा का भरोसा देता है।” कानपुर पुलिस का मानना है कि इस व्यवस्था से महिलाओं के खिलाफ अपराधों में कमी आएगी। कई बार छेड़छाड़ या पीछा करने जैसे मामलों में पीड़ित मदद नहीं ले पाती थीं, लेकिन अब यह तकनीक अपराधियों को डराने का काम करेगी। जैसे ही कोई घटना घटेगी, पुलिस मौके पर पहुंच जाएगी और आरोपी को वहीं से गिरफ्तार किया जा सकेगा।
महिला सशक्तिकरण की दिशा में कदम
कानपुर पुलिस का यह कदम महिला सुरक्षा को लेकर तकनीकी सशक्तिकरण की दिशा में एक बड़ा प्रयोग माना जा रहा है। यह न केवल त्वरित सहायता का माध्यम बनेगा, बल्कि महिलाओं को आत्मविश्वास भी देगा कि वे कहीं भी सुरक्षित हैं। पुलिस का कहना है कि आने वाले दिनों में इन इमरजेंसी हेल्प बटनों की संख्या बढ़ाकर पूरे शहर के 36 प्रमुख स्थानों तक की जाएगी, ताकि कानपुर की हर महिला खुद को सुरक्षित महसूस कर सके।