किसानो के हत्यारे आशीष मिश्र को मिली ज़मानत

के न्यूज़\उत्तर प्रदेश-  3 अक्टूबर 2021 को लखीमपुर खीरी के तिकोनिया मोड़ पर प्रदर्शन कर रहे किसानों के समूह पर एसयूवी दौड़ा दी गई थी।जिसमे चार किसानों की मौत हो गई। इसके बाद भड़की हिंसा मामले में एक पत्रकार और तीन भाजपा नेताओं की मौत हो गई। इस हादसे का जिम्मेदार केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्र टेनी के बेटे आशीष मिश्र मोनू को जिम्मेदार ठहराया गया था ।आशीष मिश्रा की गिरफ्तारी हुई। लेकिन बाद में यूपी चुनाव के पहले हाई कोर्ट से आशीष मिश्र को जमानत मिल गयी । तब किसान संगठनों ने इसका खासा विरोध किया था। सुप्रीम कोर्ट ने भी आशीष मिश्रा की इस जमानत पर कड़ी टिप्पणी की थी| मगर  दोबारा उसको जमानत दे दी गई है। इसको लेकर अब कई प्रकार की चर्चा शुरू हो गई है। सबसे बड़ी बात तो यह कही जा रही है कि यह जमानत उन्हें अधिक राहत नहीं देने वाली है। बस से सलाखों से बाहर रहेंगे। लेकिन, उनको अपने प्रदेश और देश की राजधानी में रहने का मौका नहीं मिलेगा।

 

जस्टिस सूर्यकांत की अध्यक्षता वाली बेंच ने आशीष मिश्रा को अंतरिम जमानत दे दी। कोर्ट ने आशीष मिश्रा को 8 हफ्ते की अंतरिम जमानत देते हुए कहा कि “वह इस दौरान यूपी और दिल्ली में नहीं रह सकेंगे। कोर्ट ने कहा कि जेल से निकलने के एक हफ्ते के भीतर दिल्ली और यूपी को छोड़ना होगा। आशीष मिश्रा को कोर्ट में अपनी लोकेशन के बारे में बताना होगा।”
इसके अलावा कोर्ट ने साफ कर दिया है कि आशीष मिश्रा या उनके परिवार के सदस्य की ओर से गवाह को प्रभावित करने के किसी भी प्रयास से उसकी अंतरिम जमानत रद्द हो जाएगी। सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले में कहा है कि “पीड़ित और आरोपी के अधिकारों को बैलेंस करने के लिए यह फैसला लिया गया है। कोर्ट ने कहा उनके स्तर पर लखीमपुर खीरी केस की निगरानी होगी। इसके लिए कोर्ट ने ट्रायल कोर्ट से सुनवाई की प्रगति की रिपोर्ट भी कोर्ट में जमा कराने को कहा है।”
 इस जमानत से जुडी कुछ खास बाते-
  • सुप्रीम कोर्ट ने आशीष मिश्रा को 8 सप्ताह के लिए अंतरिम जमानत दी है।
  • आशीष मिश्रा को जेल से रिहाई के एक सप्ताह के भीतर उत्तर प्रदेश को छोड़ देना होगा। सुप्रीम कोर्ट ने अपने आदेश में इसका जिक्र किया है।
  • आशीष मिश्रा यूपी के अलावा दिल्ली या एनसीआर में भी नहीं रह सकते हैं। ऐसे में उन्हें किसी ऐसे राज्य में रहना होगा, जहां उनकी हनक नहीं चलेगी।
  • लखीमपुर खीरी कांड के आरोपी को अपने स्थान के बारे में कोर्ट को सूचित करना होगा। इस मामले में कोर्ट की ओर से मॉनिटरिंग होगी।
  • आशीष मिश्रा या उनके परिवार के सदस्य की ओर से गवाह को प्रभावित करने के किसी भी प्रयास से जमानत रद्द हो जाएगी।
  • अगर यह पाया जाता है कि आशीष मिश्रा मुकदमे में देरी करने की कोशिश कर रहे हैं तो यह जमानत रद्द करने का एक वैध आधार होगा।
  • सुप्रीम कोर्ट ने अपने आदेश में कहा है कि हम अपनी स्वत: संज्ञान शक्तियों का उपयोग करके इस मामले में अन्य 4 सह अभियुक्तों को भी अंतरिम जमानत का लाभ देते हैं।
  • आशीष मिश्रा को अपने रहने स्थान के अधिकार क्षेत्र वाले थाने में हाजिरी लगानी होगी।
  • सुप्रीम कोर्ट गवाहों की स्थिति आदि के बारे में निचली अदालत से रिपोर्ट मंगाई है। दिशा-निर्देश के लिए मामले को रजिस्टर करने के लिए रजिस्ट्री को निर्देश जारी किया गया है।
  • मामले की अगली सुनवाई 14 मार्च को होगी। कोर्ट ने अपनी शर्तों के जरिए आशीष मिश्रा की मुश्किलें बढ़ा दी हैं।

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