AMU के प्रोफेसर ने दिया बकरीद पर बड़ा बयान, बागेश्वर धाम धीरेन्द्र शास्त्री आज कुर्बानी के लिए मना कर रहे हैं, कल रोजा-नमाज के लिए मना करेंगे…. क्या हम मान लेंगे?

डिजिटल डेस्क- अलीगढ़ में बाबा बागेश्वर धाम के द्वारा बकरा ईद को लेकर दिए गए बयान की अब जमकर मज़म्मत की जा रही हैष जिसको लेकर अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के असिस्टेंट प्रोफेसर रेहान अहमद के द्वारा बाबा बागेश्वर धाम के बयान की कड़े शब्दों में निंदा की है। उनके द्वारा कहा गया जिस तरह से बाबा बाबा बागेश्वर धाम के द्वारा फिलहाल कुर्बानी करने को मना किया जा रहा है और पशुओं को लेकर तमाम बातें की जा रही है, लेकिन आज वह बकरा ईद को न मानने की बात कर रहे हैं। आगे चलकर वह नमाज,रोजा और जकात को न करने की बात कहेंगे, यह चीज ठीक नहीं है।

प्रतिबंधित पशु की कुर्बानी नहीं करनी चाहिए- प्रोफेसर रेहान अहमद

हज के मौके पर हजारों बकरों की कुर्बानी की जाती है अगर आप कुर्बानी नहीं करते है तो आप का हज भी नहीं होगा ऐसे में बाबा बागेश्वर धाम के द्वारा जो बयान दिया है वह ठीक नहीं है हालांकि प्रशासन के अनुसार जो प्रतिबंधित पशु है उनकी कुर्बानी नहीं करनी चाहिए और सरकार की गाइडलाइन के अनुसार काम करना चाहिए, जिससे सरकार और लोगों की भावना किसी से जुड़ी हुई है तो उस पशु की कुर्बानी नहीं करनी चाहिए। फिलहाल जो बयान दिया गया है उसकी वह मज़म्मत करते हैं।

असिस्टेंट प्रोफेसर रेहान अहमद

बाबा बागेश्वर धाम ने क्या दिया था बयान

पीठेश्वर धीरेन्द्र शास्त्री हम बलि प्रथा के पक्ष में नहीं है। बैठक के दौरान धीरेन्द्र शास्त्री ने बलि प्रथा और जीवों पर हिंसा को लेकर निंदा की. बकरीद के सवाल पर बाबा बागेश्वर ने कहा, “जीव हिंसा किसी भी धर्म में उचित नहीं मानी जा सकती है. हम बलि प्रथा के पक्ष में नहीं हैं. इस प्रकार हम बकरीद में दी जाने वाली कुर्बानी के पक्ष में नहीं है. जब किसी को हम जीवन नहीं दे सकते हैं, तो उसे मारने का अधिकार भी नहीं है. इसके सब्सीट्यूशन है, उस वक्त कोई ऐसी व्यवस्था स्थिति रही होगी, तो बकरे की कुर्बानी दी गई होगी. वहीं अब बाबा बागेश्वर धाम के द्वारा दिए गए बयान को लेकर अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के असिस्टेंट प्रोफेसर रेहान अहमद के द्वारा पलटवार करते हुए बाबा बागेश्वर धाम पर गम्भीर आरोप लगाया।